Move to Jagran APP

Jharkhand: जेएसबीसीएल में अनुबंध पर कार्यरत 350 कर्मियों की बरकरार रहेगी नौकरी

आगामी एक अगस्त से शराब की थोक बिक्री निजी हाथों में जाने के बाद झारखंड स्टेट वेबरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) में पहले से अनुबंध पर कार्यरत करीब 350 कर्मियों की नौकरी बरकरार रहेगी। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 11:49 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 12:37 PM (IST)
Jharkhand: जेएसबीसीएल में अनुबंध पर कार्यरत 350 कर्मियों की बरकरार रहेगी नौकरी
Jharkhand: जेएसबीसीएल में अनुबंध पर कार्यरत 350 कर्मियों की बरकरार रहेगी नौकरी। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो। आगामी एक अगस्त से शराब की थोक बिक्री निजी हाथों में जाने के बाद झारखंड स्टेट वेबरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) में पहले से अनुबंध पर कार्यरत करीब 350 कर्मियों की नौकरी बरकरार रहेगी। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है। लिखा है कि ये कर्मी नियमानुसार बहाल किए गए थे। थोक शराब की बिक्री निजी हाथों में जाने के बाद यह बात सामने आ रही थी कि जेएसबीसीएल के कर्मी हटाए जाएंगे। इनका दिसंबर तक के लिए अनुबंध था।

loksabha election banner

लेकिन इसके भीतर ही सरकार ने शराब की थोक बिक्री निजी हाथों में दे दिया। ये अचानक बेरोजगार न हो जाएं, इसीलिए विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी किया। ऐसे कर्मियों को मौखिक रूप से यह कह दिया गया है कि उनका वेतन घटेगा। उन्हें वेतन भी थोक शराब कारोबारियों को दिए जाने वाले 2.5 फीसद मार्जिन मनी में प्वाइंट पांच फीसद राशि ऐसे कर्मियों के वेतन मद में खर्च होंगे।

जेएसबीसीएल में अनुबंध पर कितने कर्मी

- आइटी प्रबंधक (एक), वरीय लेखापाल (एक), लेखापाल (सात), उच्च वर्गीय लिपिक (25), डाटा इंट्री ऑपरेटर(एक), सहायक लेखापाल सह रोकड़पाल (एक), दैनिक चालक (एक), डिपो प्रबंधक (15)।

- बाह्य स्रोत से : प्रोग्रामर (नौ), संचालन सहायक (62), सुरक्षा प्रहरी व अन्य (214), सफाईकर्मी (10)।

पुरानी पेंशन की मांग वाली याचिका पर हुई सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में प्राथमिक शिक्षक की ओर से पुरानी पेंशन की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। अदालत ने सरकार को यह बताने को कहा है कि जब एक ही विज्ञापन से नियुक्ति की गई तो कुछ शिक्षकों को पुरानी और कुछ और नई पेंशन क्यों दिया जा रहा है। इस मामले में प्राथमिक शिक्षक उषा यादव एवं अन्य हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि 2002 में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से विज्ञापन निकाला गया था। उस विज्ञापन में कुछ अभ्यर्थियों की नियुक्ति 2003 में की गई थी, लेकिन कुछ की नियुक्ति उसके बाद 2005 की गई थी, जबकि वर्ष 2004 में नई पेंशन योजना लागू कर दिया गया था। लेकिन यह विज्ञापन नई पेंशन योजना से पूर्व का है, इसलिए उस विज्ञापन के तहत नियुक्त सभी शिक्षकों को पुरानी पेंशन की लाभ दिया जाना चाहिए। इसके बाद अदालत ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख निर्धारित की गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.