रांची पहुंची विवेकानंद की 33 फीट की प्रतिमा
छह टन कांसा से बनी है प्रतिमा, अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त मूर्तिकार रामसुतार ने किया है निर्माण
जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी रांची के बड़ा तालाब में स्थापित होने वाली स्वामी विवेकानंद की राज्य की सबसे बड़ी प्रतिमा गुजरात से रांची पहुंच गई है। 33 फीट की इस विशाल प्रतिमा को तीन हिस्सों में रांची लाया गया है। प्रतिमा का निर्माण गुजरात में सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाने वाले अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त मूर्तिकार रामसुतार ने किया है। जानकारी के अनुसार जहां एक साल में ही प्रतिमा निर्माण का काम पूरा हो गया, वहीं दो साल होने को हैं, लेकिन अभी तक फाउंडेशन और पुल का काम पूरा नहीं हो पाया है। कनेक्टिंग ब्रिज की नींव अब हो रही तैयार
12 जनवरी को जहां प्रतिमा का सीएम रघुवर दास द्वारा उद्घाटन होना है, वहीं तालाब के एक छोर से प्रतिमा तक जाने वाले फ्लाईओवर को जोड़ने के लिए बनने वाली कनेक्टिंग ब्रिज की नींव का काम अभी चल रहा है। ऐसे में 12 जनवरी को प्रतिमा का काम पूरा होना संभव नहीं लग रहा है। हालांकि कुछ ठेकेदारों का कहना है कि फिनिशिंग का काम भले ही पूरा नहीं हो, लेकिन स्ट्रक्चरल काम 12 जनवरी तक पूरा हो जाएगा। जहां रखी जाएगी प्रतिमा उसका भी काम नहीं है पूरा
बड़ा तालाब में जहां स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा रखी जानी है, उस गोलांबर का काम भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। निर्माण काम में जुटे ठेकेदारों के मुताबिक काम तेजी से हो रहा है, लेकिन 12 जनवरी तक काम पूरा होने की संभावना कम है। 6 टन कांसा से बनी है स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा
स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के निर्माण में छह टन कांसे का इस्तेमाल हुआ है। इस मूर्ति को बनाने वाले अंतरराष्ट्रीय मूर्तिकार राम सुतार ने बताया कि यह झारखंड की सबसे बड़ी विवेकानंद की प्रतिमा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में स्वामी विवेकानंद की सबसे बड़ी प्रतिमा रायपुर में है, जो 37 फीट ऊंची है। वहीं बड़ा तालाब में लगने वाली प्रतिमा 33 फीट की है। उन्होंने बताया कि प्रतिमा एक साल पहले से बनकर तैयार है। फाउंडेशन ना होने के कारण प्रतिमा गुजरात में ही रखी हुई थी।