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सर्पदंश के बाद झाड़ फूंक कराते रहे परिजन, 3 मासूम बच्चियों की हो गई मौत Simdega News

Jharkhand Simdega News काफी दुरूह क्षेत्र होंने के कारण व रात में एंबुलेंस काे फोन नहीं लगने के बाद गांव के लोग तीनों को गांव में ही रखकर झाड़फूंक कराते रहे। इससे तीनों बच्चियों की मौत हो गई।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 10:50 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 11:11 AM (IST)
सर्पदंश के बाद झाड़ फूंक कराते रहे परिजन, 3 मासूम बच्चियों की हो गई मौत Simdega News
शव को खाट पर उठाकर ले जाते ग्रामीण। जागरण

सिमडेगा, जासं। सिमडेगा जिले में एक बार फिर अंधविश्वास व अव्यवस्था ने सर्पदंश से पीड़ित 3 मासूमों की जान ले ली है। उक्त मामला ठेठईटांगर के ताराबोगा पंचायत के कंदाबेड़ा गौरी डूबा गांव का है, जहां बीती रात सर्पदंश से 3 मासूम बच्ची की मौत हो गई। इनमें गौरीडुबा की एडलिन एक्का 8 वर्ष, कंदाबेड़ा की अंकिता लकड़ा व हर्षिता लकड़ा शामिल है।

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इधर एडलिन के पिता पतरस एक्का ने बताया कि रविवार को चर्च में नवाखानी का पर्व मनाया गया था। उक्त तीनों बच्ची भी पर्व में शामिल होकर कंदाबेड़ा में ही हर्षिता के घर रात में सो गए थे। इसी बीच रात में करीब 9 बजे तीनों को सांप ने डंस लिया। काफी दुरूह क्षेत्र होंने के कारण व रात में एंबुलेंस काे फोन नहीं लगने के बाद गांव के लोग तीनों का झाड़ फूंक कराते रहे। इससे तीनों की मौत हो गई।

इधर झाड़ फूंक का क्रम सोमवार की सुबह तक चलता रहा। यहां तक कि सुबह प्रशासन के समक्ष भी ओडिशा से आई महिला तीनों शवों को ओडिशा ले जाने के लिए अड़ी हुई थी। उसका कहना था कि तीनों झाड़ फूंक व चंगाई के बाद ठीक हो जाएगी। इधर मौके पर पहुंची पुलिस के द्वारा समझाने के बाद भी परिजन शवों को अस्पताल ले जाने के लिए मना करते रहे।


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