जिनसे नक्सली त्रस्त-वे मच्छरों से पस्त, दो दर्जन से अधिक बीमार-एक को सांप ने भी काटा
नक्सलियों की गोली का जिन्हें भय नहीं, उन जवानों को डेंगू और चिकनगुनिया ने अपनी जकड़ में ले रखा है।
राज्य ब्यूरो, रांची। नक्सलियों की गोली का तनिक भी भय नहीं। उनसे तो हर परिस्थिति में निपट लेंगे, लेकिन बरसात के दिनों में मच्छरों, आसमानी बिजली और सांप तथा जंगली जानवरों का भय हर वक्त सताता है। यह कहना है रिम्स में भर्ती जवानों का, जो नक्सल ऑपरेशन के दौरान बीमार पड़े और रिम्स के डेंगू वार्ड में भर्ती हैं। ये डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया जैसी बीमारी से पीड़ित हैं। राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में ही दस जवान भर्ती हैं, राज्य के अलग-अलग अस्पतालों में दो दर्जन से भी अधिक जवानों का मच्छर जनित बीमारियों के कारण इलाज चल रहा है। नाम नहीं छपने की शर्त पर उन्होंने बताया कि लाख सुविधाओं के बावजूद इन परेशानियों से निपटना मुश्किल हो गया है। यही कारण है कि प्रदेश में दो दर्जन से अधिक जवान बीमार होकर अस्पताल पहुंच गए हैं। पिछले दिनों बूढ़ा पहाड़ पर एक जवान को सांप ने काटा था जिसका अस्पताल में इलाज किया गया।
गौरतलब है कि वर्तमान में झारखंड पुलिस के जवान झारखंड-छत्तीसगढ़, झारखंड-बंगाल, झारखंड-ओडिशा व झारखंड-बिहार सीमा पर नक्सल विरोधी अभियान में जुटे हैं। बूढ़ा पहाड़, सारंडा व घाटशिला के जंगल सहित नक्सल प्रभावित जिलों में भी पुलिस की अलग-अलग टुकड़ी अभियान में जुटी है, जहां बरसात के चलते अभियान चलाने में परेशानी हो रही है।
झारखंड जगुआर के सभी मारक दस्ते में दो-दो पारा मेडिकल कर्मी
झारखंड पुलिस के आइजी ऑपरेशन आशीष बत्रा ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान में बरसात कतई बाधक नहीं है। इसका अभियान पर कोई असर नहीं है।
सभी जवानों को जंगलों में होने वाली समस्या से संबंधित मेडिकल किट, मच्छरदानी, लोशन व उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि वे हर परिस्थिति से खुद को सुरक्षित रख सकें। नक्सलियों के खिलाफ झारख्ाड जगुआर के 40 मारक दस्ता (असाल्ट ग्रुप) जंगलों में घुसे हुए हैं, जिन्हें मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अलग से प्रत्येक ग्रुप में दो-दो पारा मेडिकल कर्मी दिए गए हैं। ये कर्मी पूरी तरह प्रशिक्षित हैं।
चार जवानों की हो चुकी है मौत
पूर्व में राज्य में जंगलों में मच्छरों ने चार जवानों की जिंदगी ले ली थी। इन जवानों में नीथो-ओ-योख्नो (किगवेमा, जखामा, साउथ कोहिमा, नगालैंड), टैंगो सेमी (सेनमेन्यू, कोहिमा, नगालैंड), वगाजी मफाजी ठाकोर (मदाना के बनास कांता, गुजरात) व प्रदीप कुमार सिंह (जामताड़ा, मिहिजाम) शामिल थे।
रिम्स में जिनका चल रहा है इलाज
- रमेश चौधरी : झारखंड जगुआर, मलेरिया से पीड़ित हैं।
- विकास कुमार सिंह : झारखंड जगुआर, मलेरिया।
- राकेश रंजन कुमार : झारखंड जगुआर, डेंगू।
- नमन नगेशिया : झारखंड जगुआर, मलेरिया।
- महेश कुमार : सशस्त्र सीमा बल। डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया।
- सहदेव : कोबरा 209 बटालियन। टायफायड।
- गोपाल राम : कोबरा बटालियन। टायफायड।
- सत्यम कुमार : झारखंड जगुआर। बुखार।
- ईश्वरी कुमार मेहतु : झारखंड जगुआर। टायफायड।
- अरविंद दुबे : झारखंड जगुआर। टायफायड, मलेरिया।