226 अनाथ बच्चों को मिलेगा नया परिवार, खर्च उठाएगी सरकार
Jharkhand. मानव तस्करी के शिकार या अनाथ 226 बच्चों को जल्द ही नया परिवार मिलेगा जहां पर उनका पालन-पोषण होगा। ऐसे बच्चों का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।
रांची, [मनोज कुमार सिंह]। मानव तस्करी के शिकार या अनाथ 226 बच्चों को जल्द ही नया परिवार मिलेगा, जहां पर उनका पालन-पोषण होगा। ऐसे बच्चों का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी और पालन-पोषण करने वाले परिवार को प्रतिमाह दो हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा ऐसे परिवार जो अपने बच्चों का बेहतर पालन-पोषण करने में असमर्थ हैं, उनके बच्चों के पालन-पोषण का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी।
अभी तक राज्य में 1427 ऐसे परिवार चिह्नित किए गए हैं, जिनके बच्चों के भरण-पोषण के लिए सहायता की जरूरत है। राज्य सरकार की ओर से फॉस्टर केयर एंड स्पांसरशिप योजना के तहत अधिकतम तीन साल तक प्रतिमाह दो हजार रुपये दिए जाएंगे।
झालसा को मिली सर्वे रिपोर्ट
बाल प्रयोजन स्कीम के तहत बाल श्रम, मानव तस्करी सहित अन्य पीडि़त बच्चों को इसका लाभ दिया जाना है। झालसा की ओर से ऐसे परिवारों को चिह्नित करने का जिम्मा पीएलवी (पारा लीगल वॉलेंटियर) को दिया गया था। पूरे राज्य में पीएलवी ने सर्वे किया और 1427 ऐसे परिवारों को चिह्नित किया, जो अपने बच्चों को पालन-पोषण करने में असमर्थ हैं। यह परिवार बहुत ही गरीब है और किसी तरह से अपना गुजारा कर रहे हैं। ऐसे में उनके बच्चों का पूरी तरह से विकास नहीं हो पा रहा है।
इसकी पूरी रिपोर्ट झालसा (झारखंड लीगल सेवा प्राधिकार) को मिल गई है। सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ऐसे परिवारों को अपने बच्चों के पालन के लिए दो हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। इसके अलावा जिन बच्चों के माता-पिता नहीं हैं या मानव तस्करी के शिकार है। ऐसे 226 बच्चों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें विभिन्न परिवारों को गोद दिया जाएगा। योजना का लाभ देने के बाद एक टीम हर तीन माह पर बच्चों की पालन-पोषण की स्थिति का जायजा लेगी।
अधिकतम तीन बच्चों तक ही मिलेगी यह सुविधा
सरकार की ओर से एक परिवार के अधिकतम तीन बच्चों को ही इसका लाभ दिया जाएगा। चिह्नित किए गए परिवारों की जांच एक समिति करेगी। इसके बाद उनका चयन होगा। चयनित परिवार को बच्चों के पालन-पोषण के लिए अधिकतम तीन साल तक प्रतिमाह दो हजार रुपये दिए जाएंगे। योजना का लाभ लेने वाले परिवारों की हर साल समीक्षा की जाएगी। अगर उच्चस्तरीय समिति को ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त परिवार को पैसे की जरूरत है, तो एक साल और इस योजना का लाभ उस परिवार को दिया जा सकता है।
गांव स्तर पर बनी है चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी
राज्य के 28 हजार गांवों में चाइल्ड प्रोटेक्टशन कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी गांव के बच्चों की पढ़ाई और उनके पालन-पोषण के बारे में देखरेख करती है। इसके अलावा उक्त कमेटी बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए उनके परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलाती है, ताकि पलायन या तस्करी पर रोक लगाई जाए।
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