New Variants Omicron: जोखिम वाले देशों से लौटे हैं 127 यात्री, सभी की हो रही पहचान
New Variants Omicron कर्नाटक(Karnataka) में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन(New Variants Omicron) मिलने से राज्य सरकार(State Government) की भी चिंता बढ़ गई है। यह चिंता इसलिए है क्योंकि पिछले माह 127 यात्री दक्षिणी अफ्रीका(South Africa) सहित 12 अति जोखिम वाले देशों से झारखंड(Jharkhand) लौटे हैं।
रांची (राज्य ब्यूरो)। New Variants Omicron: कर्नाटक(Karnataka) में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन(New Variants Omicron) मिलने से राज्य सरकार(State Government) की भी चिंता बढ़ गई है। यह चिंता इसलिए है क्योंकि पिछले माह 127 यात्री दक्षिणी अफ्रीका(South Africa) सहित 12 अति जोखिम वाले देशों से झारखंड(Jharkhand) लौटे हैं। भारत सरकार(India Government) से इन यात्रियों की सूची मिलने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें खोजकर आरटी-पीसीआर(RT-PCR) जांच कराने के निर्देश संबंधित जिलों के उपायुक्तों को दिए हैं। आरटी-पीसीआर में पॉजिटिव आने पर सैंपल की जोनोम सिक्वेंसिंग(Genome Sequencing) कराई जाएगी ताकि यह पता चल सके कि संबंधित वायरस ओमिक्रोन(Virus Omicron) तो नहीं है।
इधर, राज्य में ओमिक्रोन(Omicron) की पहचान को लेकर पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। अभी तक यहां जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन नहीं लग सकी है, जिसके कारण सैंपल भुवनेश्वर स्थित लैब भेजने की मजबूरी बनी हुई है। हालांकि, ओमिक्रोन का मामला सामने आने के बाद राच्य से अभी तक सैंपल जीनोम सिक्वेंसिग के लिए नहीं भेजे गए हैं। यदि सैंपल भेजे जाते हैं तो रिपोर्ट आने में एक से डेढ़ माह लग सकते हैं।
एसडीआरएफ से क्रय करने की मिली है स्वीकृति :
राज्य सरकार ने रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन लगाने की स्वीकृति दी है। यह मशीन एसडीआरएफ से खरीदी जाएगी। हालांकि इसके लिए अभी तक टेंडर प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई है।
उपायुक्तों को पूरी तैयारी रखने के निर्देश:
राज्य सरकार ने सभी उपायुक्तों को ओमिक्रोन से बचाव को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां रखने के निर्देश दिए हैं। इनमें आवश्यकता के अनुसार बेड, दवा, आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना आदि शामिल हैं। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर अगस्त माह में जारी दिशा-निर्देश का अनुपालन करने को कहा गया है।
72 पीएसए प्लांट तैयार, 20 अभी भी लंबित:
राज्य में 72 अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में पीएसए प्लांट स्थापित हो चुके हैं। इनमें 38 पीएम केयर फंड तथा 34 राज्य फंड से लगाए गए हैं। 20 स्वास्थ्य केंद्रों में यह अभी भी लंबित है। हालांकि जिन अस्पतालों में पीएसए प्लांट लग चुके हैं, वहां यह भी देखना महत्वपूर्ण है कि कितने में प्लांट मेनीफोल्ड से जोड़े जा चुके हैं तथा बेड तक आक्सीजन की आपूर्ति शुरू हो चुकी है।
निजी अस्पताल अभी भी लापरवाह:
आक्सीजन की उपलब्धता को लेकर निजी अस्पताल अभी भी लापरवाह हैं। राज्य सरकार ने 50 या इससे अधिक बेड वाले सभी निजी अस्पतालों को अनिवार्य रूप से पीएसए प्लांट लगाने के निर्देश दिए थे। इन निर्देश का अनुपालन अधिसंख्य निजी अस्पतालों ने अभी तक नहीं किया है।