Jharkhand Politics: नमाज कक्ष व नियोजन नीति को लेकर आज भाजपा का विधानसभा घेराव, रघुवर दास करेंगे अनशन
Jharkhand Politics Raghubar Das Jharkhand Vidhan Sabha News भाजपा ने राज्य सरकार पर हिन्दू विरोधी और तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। रघुवर दास बुधवार को विधानसभा के मुख्य द्वार पर अनशन करेंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार के निर्णय से वे आहत हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष के आवंटन और नियोजन नीति को लेकर भाजपा आज विधानसभा का घेराव करेगी। इसे लेकर विधानसभा परिसर के आस-पास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। विधानसभा के रास्ते में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
बता दें कि पार्टी ने राज्य सरकार को हिंदू विरोधी कहा है और तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार के इशारे पर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने यह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक निर्णय लिया है। इस निर्णय से अन्य समुदाय के लोग आहत हैं। बुधवार को पूरे प्रदेश के हजारों कार्यकर्ता विधानसभा का घेराव करेंगे। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास भी घेराव कार्यक्रम में शामिल होंगे। वे विधानसभा के मुख्य द्वार पर अनशन करेंगे। रघुवर दास ने विधानसभा में नमाज कक्ष बनाने, नियोजन नीति से हिंदी और उर्दू को हटाने और मंदिरों को नहीं खोलने का विरोध किया है।
ललाट पर चंदन लगाकर पहुंचे थे भाजपा विधायक
इधर, मंगलवार को भाजपा के अधिकतर विधायक ललाट पर चंदन लगाकर सदन में पहुंचे थे। बाबूलाल मरांडी, राज सिन्हा सहित कई विधायक धोती-कुर्ता पहनकर पहुंचे थे। विधायकों ने गले में जयश्री राम की पट्टी लगाई थी। रुद्राक्ष की माला भी पहने थे। देवघर के विधायक नारायण दास बेल पत्र का माला पहनकर डमरू बजाते विधानसभा पहुंचे थे।
धरना पर बैठे विधायक
पांकी से निर्वाचित विधायक शशिभूषण मेहता तथा निरसा से निर्वाचित विधायक अपर्णा सेनगुप्ता मंगलवार को अपनी-अपनी मांगों को लेकर विधानसभा परिसर में धरने पर बैठे। शशिभूषण मेहता सहिया तथा जल सहिया के मानदेय की शीघ्र भुगतान की मांग कर रहे थे। वहीं, अपर्णा सेनगुप्ता निरसा के बारबेंदिया पुल के पुनर्निर्माण की मांग कर रही थीं। बाद में स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो के कहने पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम तथा विधायक नीरा यादव दोनों विधायकों को धरना स्थल से सदन में लेकर आए।