Jharkhand: 1971 के युद्ध में योगदान देने वाले सैनिकों को सम्मानित करेगी कांग्रेस
Jharkhand News Congress Politics Indo-Pakistani War of 1971 झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी जिलों में कार्यकर्ताओं से इसकी सूची मांगी है। डाॅ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि पश्चिमी पाकिस्तान की बर्बरता और रक्तपात से मुक्ति वाहिनी का जन्म हुआ।
रांची, राज्य ब्यूरो। बांग्लादेश मुक्ति युद्ध 1971 के पचास वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस ने इस युद्ध में योगदान देने वाले नेताओं को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए युवा कांग्रेस और एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं को उन सैनिकों की सूची बनाने का निर्देश दिया गया है, जिन्होंने बांग्लादेश की आजादी में अपना योगदान दिया था। कांग्रेस ऐसे लोगों को जिलास्तर पर सम्मानित भी करेगी। डाॅ. रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में हुई प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में युद्ध की 50वीं वर्षगांठ शौर्य गाथा के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, सम्मान समिति के चेयरमैन राजेश ठाकुर, समन्वयक संजय लाल पासवान, संयोजक प्रदीप तुलस्यान, सदस्य गीताश्री उरांव, अमूल्य नीरज खलखो, ज्योति सिंह मथारू, ले. कर्नल समित साहा, राणा संग्राम सिंह एवं जय शंकर पाठक, राकेश सिन्हा आदि मौजूद थे। बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि पश्चिमी पाकिस्तान की बर्बरता और रक्तपात से मुक्ति वाहिनी का जन्म हुआ।
इसी दौरान पड़ोसी देश से भागकर भारत में कई लोग आए। माना जाता है कि एक करोड़ शरणार्थी भारत पहुंचे थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि जनरल मानिक शॉ के नेतृत्व में भारतीय सेना ने मुक्ति वाहिनी का साथ देते हुए हमला बोल दिया। कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि महज 13 दिन की लड़ाई में पाकिस्तान ने भारत के सामने घुटने टेक दिए। तमाम वक्ताओं ने उस वक्त की घटनाओं को इस दौरान याद किया।