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World AIDS Vaccine Day: एक बीमारी ऐसी, जिसकी आज तक नहीं बन पाई वैक्सीन; हर साल लाखों की मौत

World AIDS Vaccine Day Jharkhand Koderma News एड्स से दुनिया भर में हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। अब तक यह बीमारी लाइलाज है। सावधानी ही इसका एकमात्र इलाज है। दुनियाभर के डॉक्‍टर-वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 12:26 PM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 12:34 PM (IST)
World AIDS Vaccine Day, Jharkhand Koderma News दुनियाभर के डॉक्‍टर-वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं।

कोडरमा, [रविंद्र नाथ]। कोरोना वायरस महामारी से दुनिया त्रस्त है। इसकी रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है। वहीं आज भी कुछ ऐसी बीमारियां हैं, जिसकी अब तक न दवा बन पाई है और न वैक्सीन। एड्स भी ऐसी ही बीमारी है जो लाइलाज है। इसको लेकर लोगों को शिक्षित करने और इस दिशा में शोध कर रहे विज्ञानी व डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए 18 मई को विश्व एड्स वैक्सीन दिवस मनाया जाता है। देश में कोराेना वायरस की दूसरी लहर पहली लहर से अधिक नुकसानदेह साबित हुई है।

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इसके लिए वैक्सीन भी तैयार हो गई और यह लोगों को तेजी से लगाया भी जा रहा है। देश में वर्तमान में सबसे ज्यादा चर्चा कोरोना की वैक्सीन की हो रही है। लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। वहीं इसकी कमी को लेकर भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। सभी जगह वैक्सीनेशन के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं। वहीं कुछ लोग टीका लगाने के लिए पंजीकरण के बाद भी इंतजार की शिकायत कर रहे हैं।

कोरोना वायरस के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी जारी की है कि शायद यह वायरस दुनिया से भी कभी खत्म ही न हो। वहीं ऐसी बीमारी एड्स भी है, जिसका वायरस आज तक खत्म नहीं किया जा सका है। यह जानलेवा है और अब तक इसका इलाज भी नहीं खोजा जा सका है। इससे हर साल विश्व में दस लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। दुनियाभर के विज्ञानी और डॉक्टर लगातार शोध कर रहे हैं ताकि इस बीमारी से मरने वालों को बचाया जा सके।

क्यों मनाते हैं विश्व एड्स वैक्सीन दिवस

एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने और वैक्सीन बनाने के लिए शोध कर रहे लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए विश्व एड्स वैक्सीन दिवस मनाया जाता है। इस दिन विज्ञानी, सामाजिक संगठन, स्वास्थ्य विशेषज्ञ आदि एड्स को खत्म करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की जाती है। लोगों को एड्स से बचने के उपाय बताए जाते हैं। साथ ही एड्स रोगियों को बेहतर जिंदगी बिताने के बारे में बताया जाता है।

18 मई को क्यों मनाते हैं

18 मई, 1997 को मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा दिए गए भाषण में विज्ञान के लिए नए लक्ष्य को निर्धारित करने और आने वाले दशक में एड्स का टीका विकसित करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि एक प्रभावी, एचआइवी निवारक टीका ही इसे सीमित कर सकता है और एड्स के खतरे को खत्म कर सकता है। उसके बाद से 18 मई को इस दिवस को मनाया जाने लगा।


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