अब आप के प्याले में होगी रांची की चाय, हजारीबाग की कॉफी; पढ़ें यह खास खबर
Tea and Coffee Jharkhand News झारखंड सरकार कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की ओर से योजना तैयार की गई है। उद्यान निदेशालय की ओर से राज्य सरकार के बजट में प्रविधान किया गया है। डेमोटांड़ में 80 डिसमिल में कॉफी का बागान लगा है।
रांची, [ब्रजेश मिश्र]। Tea and Coffee, Jharkhand News असम और दार्जिलिंग की चाय के शौकीन झारखंड के लोगों को जल्द ही एक नया स्वाद मिलने वाला है। सरकार की योजना अमल में आई तो बहुत जल्द आपकी प्याली में रांची की चाय, हजारीबाग की कॉफी नजर आएगी। झारखंड सरकार के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के अंतर्गत संचालित होने वाले उद्यान निदेशालय की तरफ से राज्य में चाय और कॉफी की खेती को बढ़ावा देने की योजना पायलट प्रोजेक्ट के तर्ज पर शुरू की जा रही है।
पूर्व में झारखंड के रांची, लातेहार सहित कुछ इलाकों में चाय की खेती होती थी। बाद में यह समाप्त हो गई। वर्तमान में हजारीबाग मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर डेमोटांड़ स्थित कृषि एवं भूमि अनुसंधान केंद्र में दो एकड़ में चाय की खेती की गई है। वहीं 80 डिसमिल में कॉफी का बागान लगा है। यहां चाय के पौधे चिकमंगलूर से लाए गए थे। चाय और कॉफी का प्लांटेशन किया गया है। ऑर्गेनिक खेती के जरिये इसे विकसित किया गया है।
यह चाय स्वाद और सुगंध में असम और दार्जिलिंग को कड़ी टक्कर देने वाली बताई जा रही है। आर्गेनिक श्रेणी में यहां की चाय को बेहतर गुणवत्ता के लिए प्रमाण पत्र मिला है। डेमोटांड़ परिसर में कॉफी के 150 पेड़ हैं। विभाग द्वारा यहां की उत्पादित कॉफी की गुणवत्ता जांच के लिए लैब भेजा गया है। उपनिदेशक राजेंद्र किशोर के मुताबिक जल्द ही डेमोटाड़ में कॉफी का बेहतर तरीके से उत्पादन शुरू किया जाएगा। उनका कहना है कि इसकी क्वालिटी बेहतर और स्वादिष्ट है।
फिलहाल कृषि विभाग की तरफ से प्रायोगिक तौर पर चाय और कॉफी की खेती की जा रही है। इससे अब पूरे राज्य में शुरू कराने की योजना है। इसके तहत प्रारंभिक चरण में पठारी इलाके वाले जिलों का चयन किया जाएगा। झारखंड सरकार की ओर से पेश किए गए बजट में चाय और कॉफी की खेती को बढ़ावा देने का प्रावधान किया गया है।
बताया जा रहा है कि इससे राज्य में किसानों को नए अवसर उपलब्ध होंगे। बड़ी कंपनियां दूसरे राज्यों की तरह चाय और कॉफी की खरीद के लिए झारखंड आएंगी। उद्यान विभाग की ओर से कराए गए स्थलीय निरीक्षण में राज्य के कई इलाकों की भूमि चाय और कॉफी की खेती के लिए उपयुक्त साबित हुई है। लिहाजा विभाग नए सिरे से इसे बढ़ावा देने की मुहिम में जुट गया है।
किसानों को दी जाएगी सब्सिडी, चार जिलों में योजना पर होगा काम
उद्यान विभाग की ओर से रांची, हजारीबाग, लातेहार व गुमला जिले में इसकी शुरुआत की जाएगी। इन जिलों में चाय व कॉफी उत्पादन के लिए बेहतर वातावरण बताया जा रहा है। विभाग की ओर से नए वित्तीय वर्ष में चाय व कॉफी का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए सब्सिडी का प्रविधान किया गया है। कृषि विभाग इसमें किसानों की मदद करेगी। उत्पादन के बाद इसकी बिक्री सुनिश्चित कराने का प्रबंध किया जाएगा। इसके लिए भूमि का पीएच मान 5.4 से 6 के बीच होना चाहिए। बताया जा रहा है कि चाय के पौधे 20 से 30 डिग्री तापमान के बीच अच्छे से विकास करते हैं। पौधे अधिकतम 35 से न्यूनतम 15 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है।
स्थापित किया जाएगा जेएसएचपीएस
प्रदेश के सभी जिलों में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए राज्य में झारखंड स्टेट हॉर्टिकल्चर प्रमोशन सोसायटी के गठन का प्रस्ताव है। इस योजना पर तकरीबन 10 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। इसके तहत ब्लॉक लेवल से लेकर प्रदेश स्तर तक पर अधिकारियों व कर्मचारियों का एक पूर्व नेटवर्क खड़ा किया जाएगा। यह सभी जिलों में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगे। वर्तमान में राज्य के 13 जिलों में बागवानी पदाधिकारी है। इसमें से महज 2 अधिकारी अपने मूल पद पर हैं। बाकी सभी प्रभार में चल रहे हैं। इस कारण अपेक्षा के अनुरूप राज्य में बागवानी को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा था। इसमें बदलाव के लिए सबसे पहले कर्मचारियों की कमी को दूर करने का फैसला लिया गया है।
'राज्य सरकार अलग-अलग कई योजनाओं पर काम कर रही है। राज्य में चाय और कॉफी की खेती को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है। इस दिशा में विभाग काम शुरू कर रहा है। कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए जेएसएचपीएस का गठन किया जाना है।' -वरुण रंजन, निदेशक, उद्यान, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग।