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Live in Relation में रह रहे 60 जोड़ों ने किया सामूहिक विवाह, माता-पिता की शादी के बच्‍चे बने गवाह

Live in Relationship in Jharkhand लिव इन रिलेशन में रह रहे जोड़े वर्षों बाद विवाह बंधन में बंंधे। इस विवाह समारोह में लिव इन रिलेशन व कई नए जोड़े भी शामिल थे। इस विवाह में हिंदू व सरना धर्म से विवाह की रस्म पूरी की गई।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 05:46 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 05:52 PM (IST)
Live in Relationship in Jharkhand सामूहिक विवाह समारोह में उपस्थित जोड़े।

गुमला, जासं। Live in Relationship in Jharkhand लिव इन रिलेशन में रह रहे जोड़े वर्षों बाद विवाह बंधन में बंधे। इन जोड़ों के लिए 28 फरवरी का दिन बहुत ही भाग्यशाली रहा, जब झारखंड के गुमला जिले के तेलगांव में सामूहिक विवाह समारोह में इन्हें शादी की मान्यता मिली। इस शादी में इन जोड़ों के गोद में उनके बच्चे बैठे थे जो अपने माता-पिता की शादी के गवाह बने। चाह कर भी विवाह मंडल में बैठने की इच्छा मन में दबाए इन जोड़ों की रविवार को सभी मुरादें पूरी हो गई, जब उनकी अपनी पत्नी सामूहिक विवाह में नई नवेली दुल्हन की तरह सज धज कर विवाह मंडप में तैयार बैठी थी।

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नव युवक संघ तेलगांव के संरक्षक जगरनाथ उरांव के प्रयास से 60 जोड़ों का सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया। इस विवाह समारोह में लिव इन रिलेशन वाले व कई नए जोड़े भी शामिल थे। इस विवाह में हिंदू व सरना धर्म से विवाह की रस्म पूरी की गई। सरना धर्म का लिए चिंतामनी व बुधमनी के साथ हिंदू रीति रिवाज के लिए पंडित रविदास गोस्वामी ने जोड़ों का विवाह कराया।

संरक्षक जगरनाथ उरांव ने बताया कि गुमला में कई ऐसे जोड़े हैं जो गरीबी व परिवार के विरोध के कारण शादी के मंडप तक नहीं पहुंचे और लिव इन रिलेशन में रहने के लिए मजबूर हो गए। वैसे जोड़ों को एक मंच में सामूहिक विवाह कराकर उन्हें समाज में मान्यता देने का काम नव युवक संघ ने किया है। नई दुल्हन व दूल्हा को नए कपड़े संस्था की ओर से दिए गए। विवाह समारोह में आए करीब दो हजार से ज्यादा लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी।

घर वालों की नाराजगी के कारण लिव इन रिलेशन की ओर झुकाव

सेन्हा प्रखंड के भड़गांव निवासी न्यारी देवी ने बताया कि पिछले दस वर्ष से राजेंद्र महाली के साथ वह लिव इन रिलेशन में रह रही है। गरीबी के कारण वह विवाह मंडप में नहीं बैठ सकी और परिवार वालों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। उनके तीन बच्चे हैं। इन बच्चों के विवाह में परेशानी न हो और उनके विवाह को मान्यता मिले, इसे देखते हुए तेलगांव के सामूहिक विवाह में शादी के मंडप में वे बंध गए। करोंदी निवासी बीजा उरांव ने कहा कि दो वर्ष से रंजीता कुमारी के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहे हैं। गरीबी के कारण विवाह नहीं कर सका। परिवार वालों ने भी इनके इस रिश्ते को मंजूरी नहीं दी।

समाज की फटकार अलग से मिली। इस कारण अब वे सामूहिक शादी में विवाह बंधन में बंध गए। रंजीता और वह दोनों एक साथ काम करते थे। यहां दोनों के बीच प्रेम हो गया और दोनों ने लिव इन रिलेशन में रहने का निर्णय लिया था। गुमला जिले के विभिन्न गांव में लिव इन रिलेशन में रह रहे जोड़ों ने तीन चार बच्चों को जन्म देने के बाद तेलगांव के सामूहिक शादी समारोह में शादी की। बेलगांव निवासी केश्वर गोप ने बताया कि छह माह पहले ही उसने सुनीता यादव के साथ प्रेम विवाह कर लिया है। गरीबी के कारण विवाह बंधन में नहीं बंध सके। अब इस सामूहिक शादी में विवाह के लिए पहुंचे हैं।

गरीबी के कारण झारखंड के गांव में लिव इन रिलेशन का प्रचलन

लिव इन रिलेशन का प्रचलन भले ही महानगरों में है, लेकिन झारखंड भी इससे अछूता नहीं है। झारखंड के विभिन्न गांव में गरीबी के कारण लिव इन रिलेशन के मामले ज्यादा हैं। झारखंड में लिव इन रिलेशन को ग्रामीण पसंद नहीं करते हैं। इस कारण समाज ऐसे जोड़ों को कबूल नहीं करता है। इन जोड़ों को मान्यता देने व उन्हें व उनके बच्चों को समाज में सिर उठा कर जीने के लिए ऐसे लिव इन रिलेशन में रहने वाले जोड़ों को सामूहिक विवाह के माध्यम से समाज में जीने के अधिकार देने का काम विभिन्न संस्थाएं करर रही हैं। तेलगांव में हुए शादी समारोह में किसी तरह का रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लिया गया।


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