योगदा सत्संग के साधना संगम में देश-दुनिया के छह हजार लोगों ने लिया हिस्सा
योगदा सत्संग आश्रम की ओर से आयोजित दो दिवसीय ऑनलाइन साधना संगम का उद्घाटन शनिवार को हुआ।
जागरण संवाददाता, रांची : योगदा सत्संग आश्रम की ओर से आयोजित दो दिवसीय ऑनलाइन साधना संगम का उद्घाटन शनिवार को सुबह छह बजे भजन-ध्यान से हुआ। रांची आश्रम से योगदा सत्संग आश्रम के महासचिव ईश्वरानंद ने शुभारंभ किया। 11.30 बजे से 12 बजे तक चले दूसरे सत्र का संचालन नोएडा आश्रम से स्वामी निष्ठानंद ने किया। स्वामी निष्ठानंद ने क्रियायोग के अभ्यास के साथ और उसके फायदे बताए। साथ ही परमहंस योगानंद द्वारा बताए गए प्रविधि का अभ्यास कराया और स्वयं से साक्षात्कार के तरीके बताए। इसके बाद शाम पांच बजे से दो घंटे का ध्यान साधना हुआ। इसका संचालन कोलकाता आश्रम के स्वामी अच्युतानंद ने किया। चार सत्र में आयोजित प्रथम दिन के साधना संगम में देश-विदेश के छह हजार से ज्यादा सत्यान्वेशी (सत्य की खोज में जुटे साधक) शामिल हुए। रात आठ बजे से एक घंटे का प्रवचन हुआ जिसमें स्वामी ईश्वरानंद ने सम्यक जीवन जीने के तरीके समझाए। उन्होंने कहा कि आज के विषय का एक पहलू है चुनौतियों का सामना करना और उन पर विजय प्राप्त करना। जब तक समाधान न मिले तब तक स्वयं में, ईश्वर में, और गुरु में विश्वास रखें और धीरज बनाए रखें। कहा कि परमहंस योगानंद जब अमेरिका गए तब उन्होंने कहा था मैं यह नहीं बताता हूं कि लोगों के भाग्य में क्या है बल्कि मैं यह सिखाता हूं कि लोग अपने भाग्य कैसे बदल सकते हैं। योगानंद का बारंबार यही कहना था कि हम चाहे कैसा भी भाग्य लेकर क्यों न आए हों, उसे बदल सकते हैं। कार्यक्रम का आयोजन रविवार को भी होगा।