झारखंड के रामगढ़ में काले टमाटर का उत्पादन, कैंसर व मधुमेह की रोकथाम में है लाभकारी
Indigo Rose Tomato Farming in Ramgarh Jharkhand रामगढ़ सहित पूरे झारखंड में काला टमाटर की खेती करने के लिए व्यवसायी महेंद्र सिंह जौली उपजे काले टमाटर से बीज तैयार कर रहे हैं। काला टमाटर बाहर से काला लेकिन अंदर में बिल्कुल लाल होता है।
रामगढ़, [तरुण बागी]। Indigo Rose Tomato Farming in Ramgarh Jharkhand आस्ट्रेलिया में बड़े पैमाने पर उत्पादित होने वाला इंडिगो रोज टोमेटो (काला टमाटर) अब झारखंड के रामगढ़ में भी तैयार हो रहा है। यहां की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल होने के कारण यहां काले टमाटर की नर्सरी तैयार की जा रही है। रामगढ़ के खेतों में काले टमाटर को उगा कर इसकी जांच-परख भी कर ली गई है। फूल-फलों के शौकीन शहर के व्यवसायी महेंद्र सिंह जौली की बगिया में इंडिगो रोज टोमेटो के बीज से करीब दो दर्जन पौधे उगाए गए हैं।
रामगढ़ सहित पूरे झारखंड में काला टमाटर की खेती करने के लिए व्यवसायी महेंद्र सिंह जौली द्वारा उपजाए गए काला टमाटर से बीज तैयार किया जा रहा है। वैसे तो महेंद्र सिंह जौली की बगिया में देश-विदेश में मिलने वाले विभिन्न प्रजाति के ऑर्किड के अलावा कई तरह के फल-फूल के पेड़-पौधे हैं। लेकिन फिलहाल उनका लक्ष्य काला टमाटर की खेती कराने के लिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को प्रेरित करना है। महेंद्र सिंह जौली का मानना है कि काला टमाटर के उत्पादन से झारखंड के किसानों को काफी फायदा हो सकता है।
कैंसर व मधुमेह की रोकथाम के लिए काला टमाटर काफी मददगार माना जाता है। उन्होंने बताया कि काला टमाटर बाहर से काला लेकिन अंदर से बिल्कुल लाल होता है। इस टमाटर का स्वाद भी दूसरे साधारण लाल टमाटर की तरह ही होता है। इसकी खासियत है कि यह टमाटर जल्दी खराब या सड़ता नहीं है। पौधे से इस टमाटर को तोड़ने के बाद यह अधिक समय तक बिल्कुल तरोताजा रहता है। इस टमाटर में बीज कम होता है।
पहले चरण में नर्सरी में तीन हजार पौधे तैयार करने की है तैयारी
व्यवसायी महेंद्र सिंह जौली ने बताया कि भारत में इंडिगो रोज टोमेटाे की खेती फिलहाल नहीं के बराबर हो रही है। झारखंड में अभी तक इसकी खेती नहीं हो रही है। उन्होंने मैक्सिको से इंडिगो रोज टोमेटाे के बीज मंगाए थे। अपने बगिया में ही बीज से पौधे बनाए। बगिया से उगे एक-एक टमाटर के बीज को इकट्ठा किया है। लगभग तीन-चार हजार बीज को धूप में सुखा लिया गया है।
अब नर्सरी में इसके पौधे तैयार किए जाएंगे। उन्हाेंने बताया कि एक पके हुए टमाटर से 40-50 बीज पैदा होता है। सबसे पहले वे रामगढ़ के किसानों को खेती करने के लिए नर्सरी से तैयार पौधे देंगे। उनकी तमन्ना है कि रामगढ़ से इंडिगो रोज टोमेटाे की खेती शुरू हो और पूरे झारखंड में इसका विस्तार हो। इस टमाटर की खेती से किसानों को अधिक से अधिक लाभ होने के साथ-साथ इसके सेवन से कैंसर व मधुमेह जैसे बीमारी से भी फायदा होगा।