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MBA की फर्जी डिग्री मामले में निशिकांत दुबे को राहत, हाई कोर्ट ने पीड़क कार्यवाही पर लगाई रोक

Nishikant Dubey Fake Degree Case कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज कराने वाले विष्णुकांत झा को नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने सांसद के खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया। शिकायतकर्ता से कोर्ट ने पूछा कि किस आधार पर एमबीए की डिग्री को फर्जी बताया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 02:52 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 07:22 PM (IST)
MBA की फर्जी डिग्री मामले में निशिकांत दुबे को राहत, हाई कोर्ट ने पीड़क कार्यवाही पर लगाई रोक
गोड्डा के सांसद और भाजपा नेता निशिकांत दुबे। फाइल फोटो

रांची, राज्य ब्यूरो। Nishikant Dubey Fake Degree Case गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है। हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। अदालत ने इस मामले में शिकायतकर्ता विष्णुकांत झा को नोटिस जारी किया है और उन्हें यह बताने को कहा है कि किस आधार पर उन्होंने सांसद एमबीए की डिग्री को फर्जी बताया है।

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बताते चलें कि निशिकांत दुबे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज मामले को निरस्त करने का आग्रह किया है। इसमें कहा गया है कि उनके खिलाफ विष्णुकांत झा नामक व्यक्ति ने देवघर में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि उनकी एमबीए की डिग्री फर्जी है। 28 जुलाई 2020 को झामुमो के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर यह बताया गया है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी से जारी उनकी एमबीए की डिग्री फर्जी है। फर्जी डिग्री की पुष्टि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी की है।

निशिकांत दुबे की ओर से अदालत को बताया गया कि उनके खिलाफ दर्ज मामला बेबुनियाद है। शिकायत पर बिना किसी जांच के ही प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और पुलिस ने कोई जांच नहीं की है। इधर, निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री को फर्जी बताते हुए उनके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि निशिकांत दुबे ने चुनाव लड़ते समय निर्वाचन आयोग में यह बताया था कि उनके पास एमबीए की डिग्री है।

याचिका दायर करने वाले मो. दानिश ने कहा है कि सूचना के अधिकार के तहत दिल्ली यूनिवर्सिटी से मांगी गई सूचना में बताया गया कि निशिकांत दुबे को एमबीए की डिग्री जारी नहीं की गई है। अदालत से इस पूरे मामले की जांच कराने और चुनाव आयोग से निशिकांत दुबे की संसद से सदस्यता रद करने का आग्रह किया गया है।


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