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Light House Projects: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया रांची में 1008 लाइट हाउस का शिलान्यास

Light House Projects प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रांची में निर्मित होनेवाले 1008 लाइट हाउस परियोजना का ऑनलाइन शिलान्यास किया। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज - इंडिया लांच किया जा रहा है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 10:30 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 12:45 PM (IST)
Light House Projects: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रांची में निर्मित होनेवाले 1008 लाइट हाउस का ऑनलाइन शिलान्यास करेंगे।

रांची, राज्य ब्यूरो। Light House Projects प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रांची में निर्मित होनेवाले 1008 लाइट हाउस परियोजना का ऑनलाइन शिलान्यास किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, रांची में 3D कंस्ट्रक्शन सिस्टम से घर बनेगा, इसमें जर्मनी की टेक्नोलॉजी का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इससे ज्यादा सहूलियत और मजबूती के साथ इमारत खड़ी हो सकेगी। कम समय में प्रोजेक्ट पूरे किए जाएंगे। वर्तमान में 6 लाइट प्रोजेक्ट की शुरुआत हो रही है। भविष्य में पूरे देश भर में इसका विस्तार हो सकता है। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम ने अलग-अलग राज्यों में शुरू की गई इस योजना के विशेषताओं के बारे में जानकारी दी। कहा कि आंख बंद कर टेक्नोलॉजी पर भरोसा करने की जरूरत नहीं है। देश की जरूरत और संसाधनों के हिसाब से तकनीक का चुनाव किया जाए।

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पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 6 वर्षों में हाउसिंग सेक्टर में बहुत बड़ा बदलाव आया है। गरीब और मध्यम वर्ग का भरोसा उठ चुका था, बिल्डर से विवाद में कानूनी मदद मिलने की आस टूट चुकी थी। बैंकों के महंगे ब्याज दर के कारण घर का सपना पूरा नहीं हो पा रहा था। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्थिति में सुधार किया गया है। लाखों लोगों को अपना आवास मिला है। पानी बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की गई। जियो टैगिंग की व्यवस्था से आवासीय निर्माण प्रक्रिया के हार चरण पर नजर रखी जा रही है। इसकी तस्‍वीर वेबसाइट पर अपलोड की जाती है। कोरोना काल में भी होम लोन पर ब्याज दरों में छूट की योजना लागू की गई। मध्यमवर्ग और गरीबों की खुशियां अपने घर से जुड़ी होती हैं। घर आपात स्थिति में एक गारंटी भी होता है। आवासीय योजनाओं को पूरा कराने में राज्यों ने बेहतर कार्य किया है। बधाई।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मौके पर कहा कि 6.79 लाख रुपये झारखंड के गरीबों के लिए बड़ी राशि है। ऐसे में

केंद्र सरकार योजना लागत में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर इस राशि को कम करे। लाईट हाउस प्रोजेक्ट से गरीब लोगों को लाभ मिलेगा। लंबी दूरदर्शिता वाली योजना की शुरुआत हुई है। शहरी क्षेत्र के लिए  एक बड़ी पहल है। पीएम मोदी का इस योजना के लिए धन्यवाद। सीएम ने कहा कि शहरों में लोगों को आना और बसना होता है। रोजगार के लिए आते हैं और बस जाते हैं। बहुत सारे ऐसे गरीब - मजदूर आते रहेंगे ..... एक ऐसी कार्य योजना तैयार की जाए जिससे ऐसे लोगों को समय - समय पर मदद पहुंचाया जा सके।

हेमंत ने कहा कि झारखंड पिछड़ा राज्य है। 1008 आवास बनाना है। प्रधानमंत्री से आग्रह है कि झारखंड लोगों की आय कम है। मजदूरों पर आर्थिक बोझ कैसे कम हो , इस पर चिंतन करने की आवश्यकता है। सोरेन ने पीएम से आग्रह किया कि झारखंड गरीब राज्य है। यहां गरीबी ज्यादा है। इस योजना में लाभुकों के ऊपर ज्यादा बोझ नही पड़े इस लिए 6.79 लाख की राशि को कम कर लाभुकों को राहत दी जाए। उन्होंने केंद्र से हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग की।

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज - इंडिया लांच किया गया है। इसके माध्यम से विश्व स्तर पर टिकाऊ, पर्यावरण अनुकूल और आपदारोधी नवीन निर्माण प्रौद्योगिकियों को भारत में मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा अल्टरनेटिव एंड इनोवेटिव कंस्ट्रक्शन सिस्टम फॉर हाउसिंग नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया जाएगा। यह जानकारी निदेशक, नगरीय प्रशासन  विजया जाधव ने दी।  मौके पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, रांची के सांसद संजय सेठ, मेयर आशा लकड़ा, हटिया विधायक नवीन जायसवाल, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे समेत कई गणमान्य लोग कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहेंगे।

फैक्ट्री में बनेंगे कमरे, बाथरूम व किचन, रांची के बेघरों को प्रधानमंत्री से मिलेगी नव वर्ष की सौगात

सुनने में अटपटा जरूर लगता है लेकिन यह सत्य है और बहुत जल्दी रांची के लोग इस नई तकनीक का दीदार करेंगे। इस तकनीक में जहां घर बनेगा वहां न तो बालू पहुंचेगा, न गिट्टी, न सीमेंट और न ईंट। इन तमाम चीजों का इस्तेमाल तो फैक्ट्री में होगा जहां से रेडीमेड बाथरूम, बेडरूम और किचन उठाकर लाए जाएंगे और सीधे बहुमंजिली इमारत के स्ट्रक्चर के ऊपर इन कमरों को सजा दिया जाएगा। इस तकनीक से सिंगापुर और जापान जैसे जगहों पर बहुमंजिला इमारतें तो बनी है लेकिन भारत में नहीं। देश के 5 शहरों में नई तकनीक से भवन निर्माण के लिए प्रधानमंत्री शुक्रवार को ऑनलाइन शिलान्यास करेंगे।

रांची में बनने वाले 1008 फ्लैटों के लिए जिस स्थल का चयन किया गया है वहां सिर्फ पिलर को खड़ा कर छत की ढलाई की जाएगी और बाकी सामग्रियां शहर के बाहर बनी फैक्ट्रियों से लाई जाएंगी और फिर क्रेन के सहारे छत पर रख दी जाएंगी। पहले से तैयार सीमेंट की दीवारों से बने इन कमरों की लागत तो कम होगी ही, मजबूती भी बेमिसाल होगी। सबसे बड़ा फायदा यह है के आसपास के इलाकों में बालू और सीमेंट की धूल का गुबार नहीं उड़ेगा।

1008 बेघरों को आवंटित होंगे फ्लैट

धुर्वा के आनी मैदान के निकट 1008 फ्लैट बनाकर बेघरों को आवंटित की जाएगी। जहां फ्लैट का आवंटन होना है वहीं पर  कार्यक्रम होगा। रांची में जापानी तकनीक से बनने वाले लाइट हाउस प्रोजेक्ट के बारे में नगरीय प्रशासन निदेशक विजया जाधव ने बताया कि पहले से तैयार फैब्रिकेटेड सैंडविच पैनल सिस्टम के तहत फ्लैट बनाए जाएंगे। फ्लैट के बीम, कॉलम और दीवारों की पेनल पहले ही फैक्टरी से तैयार होकर कार्यस्थल पर आएंगे, जहां उन्हें फिट करना होगा। इस तकनीक से कम खर्च में पूरा फ्लैट तैयार हो जाएगा और इनके लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पैसे खर्च कर रही हैं।

1008 फ्लैट बनने में लगेंगे महज 12 महीने

जाधव ने बताया कि परियोजनाएं पारंपरिक तौर पर ईंट व कंक्रीट वाले निर्माण के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से महज 12 महीने में तैयार हो जाएंगे। वन बीएचके फ्लैट उच्च गुणवत्ता के साथ किफायती और टिकाऊ भी होंगे। इसका कारपेट एरिया लगभग 350 वर्ग फीट होगा।

मॉडल के रूप में रांची का चयन

लाइट हाउस परियोजना निर्माण के लिए रांची को देश के पांच शहरों (राजकोट, अगरतला, इंदौर, लखनऊ और चेन्नई) पर वरीयता देते हुए मॉडल के रूप में चुना गया है। रांची में निर्मित होने वाले लाइट हाउस में प्रीकास्ट कंक्रीट कंस्ट्रक्शन सिस्टम-3 डी प्रीकास्ट वॉल्यूमेट्रिक को अपनाया जा रहा है। यह भारत में इस्तेमाल की जा रही नवीनतम तकनीकों में से एक है, जिसे झारखंड राज्य में पहली बार अपनाया गया है।

ऐसे होगा निर्माण

315 वर्गफीट के एक लाइट हाउस में एक हॉल, एक शयन कक्ष, एक रसोई घर, एक बालकनी, एक बाथरूम और एक शौचालय होगा। नई तकनीक से निर्मित होने वाले कमरे को बिङ्क्षल्डग-ब्लॉक रूप में कारखानों में निर्मित किया जाएगा और मल्टी स्टोरी टावर का निर्माण करने के लिए एक के ऊपर एक रखा जाएगा। यह तकनीक प्रौद्योगिकी एवं धूल और प्रदूषण मुक्त वातावरण के साथ पारंपरिक इमारतों की तुलना में घरों का तेजी से और गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित करती है। इस परियोजना में बिजली, पानी, आधारपूर्ण संरचना, पार्किंग व्यवस्था, लिफ्ट, अग्निशमन, पार्क इत्यादि की व्यवस्था भी होगी। 

133.99 करोड़ में बनेंगे 1008 आवास

1008 लाइट हाउसों की यह परियोजना 133.99 करोड़ की है। इसका निर्माण मेसर्स एसजीसी मेजीक्रेट, मुम्बई द्वारा किया जाएगा। इस परियोजना में प्रति आवास केंद्र के द्वारा 5.5 लाख रुपये, राज्य सरकार द्वारा एक लाख रुपये एवं लाभुक का अंशदान 6.79 लाख रुपए होगा। लाइट हाउस निर्माण में प्लास्टर का उपयोग नहीं होगा। इस निर्माण तकनीक के साथ राज्य और पूरे देश में पहली बार इतने बड़ी परियोजना बनी है। 

झारखंड को मिलेंगे पांच पुरस्कार

शिलान्यास कार्यक्रम में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विभिन्न नगर निकायों एवं लाभुकों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कृत किया जाएगा। इसमें झारखंड को पांच पुरस्कार मिलेंगे। उत्कृष्ट आवास के लिए जामताड़ा के बादल दास, आदित्यपुर के शंभू सरदार और मानगो के संजय धरा को सम्मानित किया जाएगा। वहीं उत्कृष्ट नगर परिषद् के क्षेत्र में झुमरीतिलैया नगर परिषद को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही, झारखंड राज्य को बेस्ट कम्युनिटी मोबिलाइजेशन के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।


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