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झारखंड के प‍ुलिस‍कर्मियों को नए साल का तोहफा, एक जनवरी से मिलेगी साप्‍ताहिक छुट्टी

Jharkhand DGP MV Rao डीजीपी एमवी राव ने कहा कि विधि-व्‍यवस्‍था को बिगाड़ने में सफेदपोश लोग भी शामिल हैं। कहा कि पुलिस की समस्याओं का भी समाधान होगा। वे बुधवार को रांची में एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 03:55 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 02:13 PM (IST)
झारखंड के प‍ुलिस‍कर्मियों को नए साल का तोहफा, एक जनवरी से मिलेगी साप्‍ताहिक छुट्टी
रांची में प्रेस वार्ता को संबोधित करते एमवी राव। जागरण

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड के पुलिसकर्मियों को नए साल में खुशखबरी मिलने वाली है। एक जनवरी से इन्‍हें साप्‍ताहिक अवकाश दिया जाएगा। राज्‍य के प्रभारी डीजीपी एमवी राव ने कहा है कि नए साल से थाने में तैनात पुलिसकर्मियों को भी सप्ताह में एक दिन का अवकाश दिया जाएगा। जनवरी में इसका ट्रायल होगा। ट्रायल अवधि में अगर कोई परेशानी आती है तो उसे दूर किया जाएगा। इसके बाद रोस्टर के माध्यम से साप्ताहिक अवकाश देने का क्रम शुरू होगा, ताकि पुलिसकर्मी तरोताजा होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर हमें उनसे उम्मीद है तो उनकी समस्याओं का भी समाधान होना चाहिए।

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प्रभारी डीजीपी बुधवार को मीडिया से मुखातिब थे। इस दौरान उन्होंने वर्ष 2020 का लेखा-जोखा और नए वर्ष की कार्ययोजना की भी जानकारी दी। प्रभारी डीजीपी ने संकेत में ही यह स्पष्ट कर दिया कि पुलिस का लक्ष्य 31 दिसंबर तक एक कथित उग्रवादी संगठन को समाप्त करने का था। उनका इशारा पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) तथा इसके सुप्रीमो दिनेश गोप के खात्मा की ओर था।

उन्होंने कहा कि अब झारखंड पुलिस इस लक्ष्य को अगले साल शीघ्र पूरा कर लेगी। उन्होंने नक्सलियों को चेताया कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मसमर्पण करें और सुख-चैन की जिंदगी गुजारें, नहीं तो पुलिस उन्हें पाताल से भी ढूंढ निकालने में सक्षम है। उन्हें यह अहसास कराकर दम लेंगे कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।

दुष्कर्म की पीडि़ता व आरोपितों में से 90 फीसद अशिक्षित अथवा मैट्रिक से कम पढ़े-लिखे

डीजीपी ने कहा कि 2020 में कोरोना संक्रमण के दौरान विधि-व्यवस्था को संभालने की चुनौती थी। थाने की सामुदायिक रसोई से करीब 40 लाख लोगों को खाना खिलाया गया, वरिष्ठ नागरिक को दवा व अस्पताल की सुविधा उपलब्ध कराई गई। नाबालिगों व महिलाओं से होने वाली दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर व अन्य व्यवस्था की गई। एक सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 90 फीसद मामले में पीडि़ता व आरोपित या तो अशिक्षित या फिर मैट्रिक से भी कम पढ़े-लिखे पाए गए। इसमें नशा करने वाले भी शामिल थे।

लेवी-रंगदारी के पीछे कुछ सफेदपोश भी, पर्दाफाश शीघ्र

डीजीपी ने कहा कि उग्रवादियों-नक्सलियों, अपराधी के पास पैसे की किल्लत उत्पन्न हो गई है। इसकी भरपाई के लिए वे लेवी-रंगदारी वसूलने की कोशिश में जुटे हैं और छोटे-छोटे अपराधियों को मोहरा बनाकर उनका उपयोग कर रहे हैं। पोस्टरबाजी की घटना में अबतक जो भी सामने आए, उन्हें पकड़ा गया है। इसके पीछे और जो भी हैं, पुलिस को उनकी भी जानकारी मिल चुकी है। लेवी-रंगदारी के पीछे कुछ सफेदपोश व राजनीति से जुड़े लोग भी हैं। इसका पुलिस शीघ्र पर्दाफाश करेगी।

अनुसंधान में पर्दे के पीछे के अपराधी की खोज जारी

डीजीपी के अनुसार किसी भी घटना के अनुसंधान में पहले यह देखा जा रहा है कि क्या उस वारदात को रोका जा सकता था। अगर रोका जा सकता था तो क्यों नहीं रोका गया? अनुसंधान में यह भी देखा जा रहा है कि किसी भी घटना के पीछे सिर्फ अपराधी का हाथ है अथवा अपराध में पर्दे के पीछे भी कोई है। पुलिस उन्हें भी दबोचेगी।


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