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झारखंड में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट और दिल्ली की तर्ज पर बीमा योजना लागू करने की मांग

Jharkhand State Bar Council झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सदस्यों ने मिलकर झारखंड की राज्यपाल और मुख्यमंत्री को इस आशय का ज्ञापन सौंपा था। इसका सकारात्मक आश्वासन भी मिला था। आए दिन अधिवक्ताओं के साथ वारदात होती रहती है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 09:40 AM (IST)
मुख्‍यमंत्री और राज्‍यपाल को इस संबंध में मेल किया गया है।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड स्टेट बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन राजेश कुमार शुक्ल ने झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ई मेल भेजकर झारखंड में भी दिल्ली की तर्ज पर अधिवक्ताओं के लिए बीमा योजना लागू कराने और अधिवक्ताओ के साथ लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए झारखंड में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू कराने का आग्रह किया है। ई मेल में कहा गया है कि पूर्व में भी झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सदस्यों ने मिलकर झारखंड की राज्यपाल और मुख्यमंत्री को इस आशय का ज्ञापन सौंपा था।

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इसका सकारात्मक आश्वासन भी मिला था। झारखंड सरकार के पास झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्रारूप भी पूर्व में सौंपा है जो राज्य सरकार के पास विचाराधीन है। इसको लागू कराने की आवश्यकता है ताकि झारखंड में अधिवक्ता निर्भीकता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें, क्योंकि आए दिन अधिवक्ताओं के साथ आपराधिक घटनाएं हाेती रहती है। कई बार उन्हें धमकियां भी मिलती रहती है।

दिल्ली सरकार ने दिल्ली प्रदेश के अधिवक्ताओं के लिए स्वास्थ्य बीमा और अन्य कल्याणकारी योजना के लिए पर्याप्त राशि आवंटित की है। झारखंड सरकार को भी ऐसी पहल करनी चाहिए और राज्य सरकार के वार्षिक बजट में कम से कम 50 करोड़ की राशि का प्रावधान झारखंड स्टेट बार काउंसिल के कल्याणकारी योजनाओं के लिए निर्धारित करना चाहिए। उत्तरप्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, गुजरात,तमिलनाडु और तेलंगाना में अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए वहां की राज्य सरकारें वितीय सहयोग प्रदान करती है।

झारखंड में भी सरकार को राज्य के अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए दिल्ली और अन्य राज्यों की तरह बजट में प्रावधान स्थापित करना चाहिए। शुक्ल ने भारत के विधि, न्याय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को भी ईमेल भेजा है तथा झारखंड में अधिवक्ताओं को हो रही कठिनाइयों से तथा कोरोना काल में हुए कठिनाइयों से अवगत कराते हुए झारखंड के अधिवक्ताओं के लिए विशेष आर्थिक पैकेज देने का आग्रह किया है।


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