Move to Jagran APP

PUBG Mobile: पबजी की लत में छात्र ने गंवा दिये पिता के 6.5 लाख, 3 महीने में पूरा बैंक अकाउंट खाली; जानें पूरी कहानी

PUBG Game ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर मिले मोबाइल पर 10 वीं के छात्र को पबजी खेलने का कुछ ऐसा जुनून चढ़ा कि उसने गेम कैरेक्टर के लिए डायमंड ड्रेस व हथियार खरीदने पर 6.5 लाख लुटा दिए।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 08:30 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 04:48 AM (IST)
PUBG Mobile: पबजी की लत में छात्र ने गंवा दिये पिता के 6.5 लाख, 3 महीने में पूरा बैंक अकाउंट खाली; जानें पूरी कहानी

हजारीबाग, [अरविंद राणा]। ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर मिले मोबाइल पर 10 वीं के छात्र को पबजी खेलने का कुछ ऐसा जुनून चढ़ा कि उसने अपने पिता के खाते से ही छह लाख 32 हजार रुपये लूटा दिए। भुक्तभोगी पिता शहरी क्षेत्र के बड़कागांव मिशन रोड निवासी हैं और रेलवे में लोको पायलट हैं। वे फिलहाल हजारीबाग में कार्यरत हैं। वहीं छात्र शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ाई करता है। उसने इस वर्ष दशम बोर्ड की परीक्षा दी है।

loksabha election banner

पिता को उनकी सारी गाढ़ी कमाई लुट जाने की सूचना उनके बेटे के ही एक दोस्त ने दी। बेटे की करतूत पर पिता को पहले तो यकीन तो नहीं हुआ। बाद में उन्होंने साइबर सेल में अपने खाते से रुपये की निकासी की शिकायत की तो जांच में पूरा मामला सामने आया। 

तीन माह से खेल रहा था गेम

जांच के बाद जब बेटे से कड़ाई से पूछताछ हुई तो सारा सच सामने आ गया। बेटा तीन माह से ऑनलाइन गेम खेल रहा था। पढ़ाई के नाम उसने पिता से मोबाइल लिया था, लेकिन पढ़ाई करने की बजाय वह मोबाइल में पबजी गेम खेलता रहा। 

गेम के कैरेक्टर के लिए डायमंड, ड्रेस और हथियार खरीद गंवा दिए लाखों

पबजी गेम के स्टेज को पार करने के लिए छात्र ने पैसे से डायमंड, अत्याधुनिक हथियार, मंहगे कपड़े खरीदे। ये कपड़े और हथियार पबजी खेलने वाले लोगों को उस कैरेक्टर के लिए खरीदने होते हैं, जो गेम में उसकी ओर से खेलता है। 10 वीं के छात्र ने अपने गेम के लिए पांच लाख 60 हजार रुपये के कपड़े, हथियार और डायमंड खरीदे। वहीं अपने दोस्तों के लिए उसने करीब सवा लाख रुपये के गेम में रिचार्ज करा कर हथियार दिए और करीब 20 हजार रुपये नकद भी दिये। 

स्टेटमेंट लिया तो बैंक अधिकारी भी हो गए हैरान, 30 पेज और चार पासबुक हो गए फुल

साइबर सेल की जांच में जब बैंक से पूरी जानकारी मांगी गई तो पैसे के डिटेल के लिए चार पासबुक भर गए। इसके बाद बैंक ने करीब 30 पेज में पूरा खर्च का ब्यौरा दिया है। चूंकि पबजी पर उसने लीगल तरीके से रिचार्ज कराकर गेम खेला, इसलिए यह ठगी की श्रेणी में नहीं आया और साइबर सेल में इस पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी। 

मामले की जांच हुई। छात्र ने लीगल तरीके से ही गेम खेलने में रुपयों की बर्बादी की है। यह ठगी तो नहीं कहा जाएगा, लेकिन यह विषय चिंताजनक है। बच्चों को मोबाइल देते समय परिजन उनकी निगरानी रखें। अमिता लकड़ा, सीसीआर डीएसपी, हजारीबाग।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.