Corona Warriors: कोरोना से लड़ाई में सारथी बने कैदी, प्रतिदिन बना रहे 50 हजार का मास्क व पीपीई किट
Jharkhand. राज्य की जेलों से अब तक एक लाख से ज्यादा मास्क की सप्लाई हो चुकी है। सभी केंद्रीय कारा के अलावा कुछ मंडल कारा में भी मास्क का निर्माण हो रहा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में जेलों में बंद कैदी भी आगे आए हैं। जेल में रहकर भी वे कोरोना वायरस के खतरे से बचाव के लिए सरकार के साथ आम लोगों के लिए अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं। जेल में वे एक दिन में 20 बंदी मिलकर 2500 मास्क तैयार कर रहे हैं। 20 रुपये प्रति मास्क के हिसाब से तैयार मास्क की सप्लाई होती रही है। इस तरह एक दिन में 20 बंदी मिलकर 50 हजार रुपये का मास्क तैयार कर रहे हैं। यानी, एक कैदी प्रतिदिन 2500 रुपये का मास्क तैयार कर रहा है। इसके एवज में उसे प्रतिदिन 142 रुपये मेहनताना मिल रहा है।
झारखंड के सभी केंद्रीय कारा व कुछ मंडल कारा में मास्क बनता है। अब तक जेलों में एक लाख से ज्यादा मास्क बन चुके हैं। कारा महानिरीक्षक के आदेश पर अब सेंट्रल जेलों में पीपीई (व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण) किट भी बनना शुरू हो गया है। इन दिनों मास्क की खपत कम होने के चलते कपड़े का निर्माण जारी है। मांग के अनुसार मास्क बनाया जाता है।
क्या है कैदियों को मजदूरी देने का प्रावधान
कुशल बंदी : 142 रुपये प्रति दिन।
अद्र्धकुशल बंदी : 132 रुपये प्रति दिन।
अकुशल बंदी : 92 रुपये प्रतिदिन।
लॉकडाउन के दौरान जेलों में जो सबसे ज्यादा बना
मास्क, फिनाइल, डिटरजेंट, नहाने का साबुन, कपड़ा धोने का साबुन, डिटरजेंट पाउडर व पीपीई किट। प्रत्येक बंदी को दो-दो मास्क दिए गए हैं। नहाने का साबुन भी जो प्रति सप्ताह एक दिया जाता था, अब दो दिया जा रहा है, ताकि वे ज्यादा से ज्यादा स्वच्छता पर ध्यान दे सकें।
होटवार केंद्रीय कारा में प्रतिदिन बनता था 2500 मास्क
होटवार के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में प्रतिदिन 2500 मास्क तैयार होता था। 20 बंदी यह मास्क तैयार करते हैं। प्रति मास्क 20 रुपये की दर से बाजार में सप्लाई होती है। यानी, एक दिन में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में 50 हजार रुपये का मास्क बनकर तैयार हो जाता है। इस तरह अब तक सिर्फ होटवार जेल से अब तक करीब 10 लाख रुपये से ज्यादा के मास्क सप्लाई किए जा चुके हैं।
लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही जेल में बने थ्री लेयर मास्क की मांग अधिक थी। मांग के अनुसार बंदियों ने मास्क बनाना शुरू किया था। इस केंद्रीय कारा से सबसे अधिक 50 हजार से अधिक मास्क इस लॉकडाउन अवधि में बन चुके हैं, जिसे सप्लाई किया जा चुका है। ये मास्क रिम्स, सदर अस्पताल, झारखंड पुलिस, खनन, मीडिया हाउस व निजी कंपनियों व निजी लोगों के बीच सप्लाई किए जा चुके हैं।
हजारीबाग जेल बने 50 पीपीई किट, 25 हजार मास्क
जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा, हजारीबाग में अब तक 50 पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट (पीपीई) किट बन चुका है, जिसकी सप्लाई भी हो चुकी है। 400 रुपये प्रति किट के हिसाब से पीपीई किट की सप्लाई हुई है। इसी तरह, हजारीबाग के इस केंद्रीय कारा से अब तक 25 हजार से अधिक थ्री लेयर मास्क सप्लाई किए जा चुके हैं। मांग को देखते हुए मास्क व पीपीई किट की सप्लाई हो रही है।