Rajendra Prasad Singh Died: राजेंद्र सिंह के निधन पर आज कांग्रेस मुख्यालय में शोकसभा, झुकेगा पार्टी का झंडा
Rajendra Prasad Singh Died राजेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार उनके कर्म क्षेत्र बेरमो में मंगलवार को किया जाएगा। उनके पुत्र कुमार जयमंगल ने यह जानकारी दी।
रांची, राज्य ब्यूरो। Rajendra Prasad Singh Died कांग्रेस के सीनियर नेता राजेंद्र सिंह के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सोमवार को कांग्रेस भवन में शोकसभा का आयोजन होगा। इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, सांसद, विधायक और तमाम सीनियर नेता मौजूद रहेंगे। इसके बाद पार्टी का झंडा झुका दिया जाएगा। राजेंद्र सिंह अपने पीछे आठ पुत्री, दो पुत्र, नाती, पोता व भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने उनके निधन पर कहा कि पार्टी के लिए यह अपूरणीय क्षति है। एकीकृत बिहार से लेकर झारखंड के कालखंड में मंत्री के रूप में उनकी सेवा और योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। वे कोल सेक्टर व श्रमिकों के मसीहा माने जाते थे। वे बिहार में दो बार मंत्री के अलावा 2014 में हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री के पद पर रह चुके हैं। उरांव ने कहा कि 1983 से ही उनके संपर्क में रहा। वे बहुत ही सरल, विनीत स्वभाव के व्यक्ति थेे। मैं जब राजनीति में आया तो उनका बहुत सहयोग रहा।
कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि असाधारण व्यक्ति हमारे बीच से चले गए। राजनीति जगत के महान हस्ती का हमारे बीच से चला जाना काफी दुखद है। राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के निर्माण में उनकी भूमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। बिहार विधानसभा में मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने अलग राज्य निर्माण के लिए आंदोलन भी किया, यहां तक कि जेल भी गये।
इन्होंने भी जताया शोक
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप तुलस्यान, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव, कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, संजय लाल पासवान, जोनल को-आॢडनेटर रमा खलखो, पूर्व जमशेदपुर जिलाध्यक्ष रवींद्र कुमार झा, अशोक चौधरी, सुल्तान अहमद, भीम कुमार, अनादि ब्रह्म, राजीव रंजन प्रसाद, आभा सिन्हा, कुमार राजा, संगठन प्रभारी रवीन्द्र सिंह, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष गुंजन सिंह, प्रदेश ओबीसी अध्यक्ष अभिलाषा साहू आदि।
- नहीं रहे इंटक के कद्दावर नेता और बेरमो के विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह
- गुरुग्राम में इलाज के दौरान निधन, कुछ दिनों पहले तबीयत बिगडऩे पर रांची से एयर एंबुलेंस से ले जाए गए थे
- राहुल गांधी, हेमंत सोरेन, शिबू सोरेन, स्पीकर रवींद्र नाथ महतो, अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, सुदेश महतो, रामेश्वर उरांव आदि नेताओं ने जताया शोक
इंटक के राष्ट्रीय महासचिव और बेरमो के विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह का रविवार को गुडग़ांव के फोर्टिस अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया है। एक मई फेफड़े में संक्रमण के बाद उन्हें रांची से एयर एंबुलेंस के माध्यम से गुडग़ांव ले जाया गया था जहां एक मई से ही वे इलाजरत थे। वे लगभग 76 वर्ष के थे।
उनके बड़े पुत्र जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने उनके निधन की सूचना ट्वीट कर दी। इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो, झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी, झारखंड कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, मंत्री आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता, बादल, जगरनाथ महतो, पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. इरफान अंसारी, राजेश ठाकुर, झामुमो महासचिव बिनोद पांडेय, सुप्रीयो भट्टाचार्य सहित भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके निधन की खबर मिलते ही पूरे राज्य समेत उनकी कर्मभूमि कोयलांचल में शोक की लहर दौड़ गई है।
छह बार बेरमो के विधायक रहे कांग्रेस नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह के निधन पर पार्टी के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दुख की इस घड़ी में पार्टी उनके परिवार के साथ है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संदेश में कहा कि झारखंड ने एक सच्चा सेवक और कर्मठ नेता खो दिया। आरपीएन सिंह ने लिखा है कि उनका निधन पार्टी और मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।
मंगलवार को बेरमो में अंतिम संस्कार
राजेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार उनके कर्म क्षेत्र बेरमो में मंगलवार को किया जाएगा। उनके पुत्र युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने यह जानकारी दी। उनका पार्थिव शरीर हरियाणा से सड़क मार्ग से सोमवार की शाम तक बेरमो लाया जाएगा।
...कहा था मेरे नाम पर पैरवी आए तो बिल्कुल न सुनना : बादल
मेरे राजनीतिक जीवन में राजेंद्र चाचा का अहम रोल रहा है, मैं आज जहां खड़ा हूं, उसमें उनका अहम योगदान है। राजनीति में मेरे लिए वे हमेशा से आदर्श के रूप में रहे, जैसे पेड़ के नीचे छांव मिलती है ठीक वैसे ही मुझे उन के सानिध्य में रहकर हमेशा से छाव का एहसास होता रहा। एक ऐसी छांव जिसने राजनीति में मुझे हमेशा आगे बढऩे की प्रेरणा दी। आज मैं खुद को अकेला महसूस कर रहा हूं, मैंने एक ऐसे अभिभावक को खो दिया है, जिन्होंने मुझे कई सीख दी। 2014 के विधानसभा चुनाव में मुझे टिकट दिलवाने की बात हो या चुनाव लड़ाने की बात, हर कदम वह हमारे साथ रहे। मैं जब भी उनसे मिला हमेशा उन्होंने मुझे एहसास कराया कि मैं भी उनका बेटा हूं, जैसे अनूप बाबू और गौरव बाबू। उनके एक वाक्य से उनकी विशालता को समझा जा सकता है। जब मैं मंत्री बनने के लिए शपथ लेने राजभवन के बिरसा मंडप जाने वाला था, उससे ठीक पहले उनका आशीर्वाद लेने रांची स्थित उनके आवास पहुंचा, उन्होंने मुझे आशीर्वाद स्वरूप कुछ बातें कहीं। कहा कि मेरा नाम लेकर कोई व्यक्ति अगर तुम्हारे पास आए और पैरवी करे तो बिल्कुल मत करना, जब तक खुद संतुष्ट न हो जाओ, तुम्हारा कोई कितना भी करीबी क्यों न हो किसी फाइल को बिना पढ़े और नियम कानून को बिना समझे उस पर कोई निर्णय मत करना। उनके ये चंद शब्द उनके विशाल हृदय और राज्य के प्रति उनकी बेहतर सोच को परिलक्षित करते हैं। मेरे जीवन में उनकी कई बातें हैं जो लिखूंगा तो एक किताब बन जाएगी। उनका जाना मेरे राजनीतिक जीवन के लिए वैसा ही है जैसे एक बच्चे के सिर से उसके पिता के साया का चला जाना। मैं यह लिख जरूर रहा हूं, पर अब भी भरोसा नहीं है कि चाचा जी हमारे बीच नहीं रहे, ईश्वर से कामना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति दे।