Coronavirus Attack : कोरोना के चलते ठंडी पड़ गई सियासत, भाजपा-झामुमो के संगठन भी चपेट में
Coronavirus Attack कोरोना से झारखंड की सियासी गतिविधियां टल गई हैं भाजपा का संगठनात्मक चुनाव लंबे समय के लिए टला तो झामुमो की केंद्रीय कार्यकारिणीकांग्रेस का सदस्यता अभियान टला.
रांची, राज्य ब्यूरो : कोरोना की आपदा ने राजनीतिक दलों की तमाम सियासी गतिविधियों को फिलहाल लंबे समय के लिए टाल दिया है। भाजपा का संगठनात्मक चुनाव तो काफी वक्त के लिए टल ही गया है, झामुमो और कांग्रेस के प्रस्तावित कार्यक्रम भी प्रभावित हुए हैं। झामुमो की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक और कांग्रेस का सदस्यता अभियान फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
तयशुदा योजना के अनुसार भाजपा को इस माह के अंत तक अपना संगठनात्मक विस्तार कर लेना था। प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की ताजपोशी के बाद जिलाध्यक्षों की घोषणा के लिए 28 मार्च की तिथि तय की गई थी। जिलाध्यक्षों को सभी मंडलों का पैनल पर विचार करते हुए 31 मार्च तक मंडल अध्यक्षों की घोषणा भी कर देनी थी। प्रदेश कार्यसमिति के गठन के लिए दो अप्रैल (रामनवमी) का दिन तय किया गया था। लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए संगठन विस्तार की योजना को लंबे समय के लिए टाल दिया गया है।
बता दें कि भाजपा की मौजूदा प्रदेश कार्यसमिति का कार्यकाल गत वर्ष नवंबर में समाप्त हो गया था। विधानसभा चुनाव को देखते हुए इसे तीन माह का विस्तार दिया गया था। माना जा रहा है कि अब कोरोना संकट टलने के बाद ही संगठन विस्तार की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा। इसमें कम से कम दो माह का वक्त लग सकता है। कांग्रेस ने भी अपने सदस्यता अभियान को फिलहाल स्थगित कर दिया है। झामुमो की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक तो तय तिथि के दिन ही टाल दी गई। बैठक में शामिल होने के लिए पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन, कार्यकारी अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सभा स्थल आ चुके थे, लेकिन कोरोना के मद्देनजर बचाव को देखते हुए बैठकें टाल दी गई।
विधानसभा व राज्यसभा चुनाव स्थगित, दुमका विस उपचुनाव में भी देरी के आसार
कोरोना वायरस का प्रसार रोकने को जारी दिशानिर्देश के कारण राज्य विधानसभा की कार्यवाही तय समय से पूर्व अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इसके अलावा राज्यसभा चुनाव का मतदान भी टाल दिया गया। इससे यह कयास लगाया जा रहा है कि दुमका विधानसभा उपचुनाव में भी देरी हो सकती है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछला विधानसभा चुनाव बरहेट और दुमका से लड़ा था और वे दोनों सीटों पर विजयी हुए थे। बाद में उन्होंने दुमका विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। इससे यहां उपचुनाव की नौबत आ गई है। नियमानुसार सीट रिक्त होने के छह माह के भीतर चुनाव की प्रक्रिया संपन्न कराना आवश्यक है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनवरी के पहले सप्ताह में दुमका विस सीट से त्यागपत्र देने का निर्णय किया था।