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Jharkhand: 20 हजार मामलों की नहीं हो सकी सुनवाई, हड़ताल पर अड़े वकील

Jharkhand. झारखंड में मंगलवार को 32 हजार अधिवक्ता न्यायिक कार्य से दूर रहे। झारखंड हाई कोर्ट में एक हजार व रांची सिविल कोर्ट में दो हजार मामले सूचीबद्ध थे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 08:12 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 08:12 PM (IST)
Jharkhand: 20 हजार मामलों की नहीं हो सकी सुनवाई, हड़ताल पर अड़े वकील
Jharkhand: 20 हजार मामलों की नहीं हो सकी सुनवाई, हड़ताल पर अड़े वकील

रांची, राज्य ब्यूरो। पलामू जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी के साथ प्रभारी जिला जज पंकज कुमार (द्वितीय) द्वारा मारपीट के आरोप के मामले को लेकर राज्य के करीब 32 हजार अधिवक्ता मंगलवार को न्यायिक कार्य से दूर रहे। इसके चलते सभी सिविल कोर्ट, अनुमंडल एवं हाई कोर्ट में सूचीबद्ध 20 हजार से ज्यादा मामले की सुनवाई नहीं हुई।

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झारखंड हाई कोर्ट में 1053 मामलों की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन करीब ढाई हजार अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से दूर रहने की वजह से इनकी सुनवाई नहीं हो सकी। हाई कोर्ट के सभी जज निर्धारित समय से कोर्ट में बैठे, लेकिन कोई भी अधिवक्ता अपने केस की पैरवी के लिए नहीं पहुंचा। आम दिनों की अपेक्षा हाई कोर्ट में अधिवक्ताओं की संख्या कम रही। कोर्ट रूम जाने के बजाए वकील अपने चैंबर और अधिवक्ता हॉल में ही बैठे रहे।

रांची सिविल कोर्ट में करीब दो हजार से अधिक मामलों की सुनवाई नहीं हो सकी। ग्रामीण क्षेत्रों से आए मुवक्किलों को वापस लौटना पड़ा। उधर, इस मामले की जांच के लिए झारखंड स्टेट बार काउंसिल के तीन सदस्यों अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार, रिंकू भकत व एके रसिदी की टीम मंगलवार को पलामू पहुंची। टीन ने पलामू जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं, एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी एवं प्रभारी जिला जज पंकज कुमार से मिलकर मामले की पूरे मामले की जानकारी ली।

जांच कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट स्टेट बार काउंसिल को सौंपेगी। बता दें कि पलामू जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी  ने जिला व्यवहार न्यायालय के प्रभारी जिला जज पंकज कुमार द्वितीय पर गालीगलौज व हाथापाई का आरोप लगाया है। पलामू जिला व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं ने अपने को न्यायिक कार्य से अलग रखा। लातेहार, चतरा, हजारीबाग व कोडरमा के अधिवक्ता भी न्यायिक कार्य से दूर रहे और घटना की कड़ी निंदा की।

रामगढ़ में अधिवक्ताओं के न्यायालय कार्य बहिष्कार के कारण 70 से अधिक केस की सुनवाई व पैरवी नहीं हो सकी। 400 से अधिक नोटरी, शपथ व एग्रीमेंट के भी कार्य नहीं हुए। गुमला, लोहरदगा, खूंटी, सिमडेगा एवं अन्य जिलों में भी मंगलवार को अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करते पलामू की घटना की कड़ी निंदा की।

सरायकेला-खरसावां जिले में करीब 200, पूर्वी सिंहभूम में एक हजार और पश्चिमी सिंहभूम में 262 वकील हड़ताल पर रहे। सुदूर गांवों से मुकदमों के सिलसिले में आए लोगों को काफी परेशानी हुई। वे वापस लौट गए। तीनों जिलों में वकीलों ने प्रदर्शन भी किया। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए जांच कर दोषी पर कार्रवाई की मांग की।


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