वर्षो से बड़े अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन फेल, पर नहीं हो रही कार्रवाई
रांची जिले में कई निजी अस्पताल बगैर रजिस्ट्रेशन के सालों से चल रहे हैं। इस पर कार्रवाई नहीं हो रही है। छापेमारी के लिए कमेटी भी गठित की गई है।
जागरण संवाददाता, रांची : रांची जिले में कई निजी अस्पताल बगैर रजिस्ट्रेशन के सालों से चल रहे हैं। इनपर न कोई कार्रवाई हो रही है और न ही इन अस्पतालों में निरीक्षण हो रहा। रांची के अधिकतर बड़े अस्पताल इसमें शामिल हैं। पूरे जिले में करीब 750 अस्पताल व पॉली क्लीनिक क्लीनिकल इस्टेब्लिसमेंट एक्ट के तहत रजिस्टर्ड हैं। इसमें करीब 350 हॉस्पिटल समेत क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन फेल है।
सिविल सर्जन डॉ. वीबी प्रसाद से इस संबंध में कई बार शिकायत की गई। लेकिन कोई कार्रवाई या निर्देश नहीं दिया गया। बीते 27 नवंबर को इसी कड़ी में सिविल सर्जन ने पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है। अबतक जिले के छह क्लीनिक व झोलाछाप डॉक्टरों के यहां छापा मारा जा चुका है। सवाल उठता है कि जिन अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन फेल है उनके खिलाफ कार्रवाई अभी तक क्यों नहीं की गई।
जानकारी के अनुसार टीम गठन के बाद इन्हें जिले के सभी रजिस्ट्रेशन फेल अस्पतालों की सूची दी गई है। जबकि टीम सिर्फ आउटर एरिया में जाकर छोटे दुकानों व क्लीनिक में छापेमारी कर रही है। कई अस्पताल ऐसे है जिसका रजिस्ट्रेशन सिर्फ 15 बेड के संचालन का है, जबकि वहां 25 से ज्यादा बेड का संचालन हो रहा है। यहीं नहीं कई बड़े अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन दो साल से फेल है। जबकि इन पर कार्रवाई नहीं हो रही।
ये है निरीक्षण टीम में
सिविल सर्जन द्वारा क्लिनिकल इस्टेब्सिलमेंट एक्ट को लेकर गठित निरीक्षण टीम में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. बीएन पोद्दार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक समरेश कुमार सिंह, जिला डाला प्रबंधक संजय कुमार तिवारी व रिजनल कॉडिनेटर संजय कुमार शामिल हैं। इनके सहयोग के लिए क्लीनिकल इस्टेब्लिसमेंट एक्ट के स्टेट कंसल्टेंट डॉ. राहुल कुमार को शामिल किया गया है।
जितने भी अस्पताल व क्लीनिक बगैर रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं सभी के यहां छापा मारा जाएगा। टीम पहले सूचना के आधार पर छापेमारी कर रही है, इसके बाद विभाग के पास उपलब्ध सूची के अनुसार निरीक्षण व छापेमारी की जाएगी।
-डॉ. वीबी प्रसाद, सिविल सर्जन।