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कोडरमा के उत्पाद अधीक्षक पर FIR का आदेश, आय से 75 लाख अधिक मिले; जानें पूरा मामला

एसीबी की प्रारंभिक जांच में उत्पाद अधीक्षक अजय कुमार गोंड के पास आय से 87.86 फीसद अधिक संपत्ति मिलने के बाद लोकायुक्त ने एसीबी के डीजी को एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 07:43 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 07:43 PM (IST)
कोडरमा के उत्पाद अधीक्षक पर FIR का आदेश, आय से 75 लाख अधिक मिले; जानें पूरा मामला
कोडरमा के उत्पाद अधीक्षक पर FIR का आदेश, आय से 75 लाख अधिक मिले; जानें पूरा मामला

रांची, राज्य ब्यूरो। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की प्रारंभिक जांच में कोडरमा के उत्पाद अधीक्षक अजय कुमार गोंड के पास आय से 75 लाख, 62 हजार, 324 रुपये 75 पैसे अधिक मिले हैं। यह उनकी आय से 87.86 फीसद अधिक है। पूर्व में एसीबी ने जो रिपोर्ट दी थी, उसके अनुसार उनके पास आय से 82,38,281.75 रुपये अधिक मिले थे। यह राशि उनकी आय से 97.10 प्रतिशत अधिक थी।

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लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने उक्त रिपोर्ट की समीक्षा की तो जांच रिपोर्ट में गणना में गड़बड़ी मिली थी। इसके बाद उनके निर्देश पर एसीबी ने दोबारा रिपोर्ट दी, जिसमें अंतिम रूप से उत्पाद अधीक्षक अजय कुमार गोंड के पास आय से 87.86 फीसद अधिक की संपत्ति मिली। अंतिम रूप से समीक्षा व आरोपित का पक्ष जानने के बाद लोकायुक्त ने एसीबी के डीजी नीरज सिन्हा को आदेश के साथ यह अनुशंसा की है कि आय से अधिक संपत्ति के आरोपित उत्पाद अधीक्षक अजय कुमार गोंड पर नियमत: प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान करें।

लोकायुक्त ने तीन माह के भीतर की गई कार्रवाई से लोकायुक्त कार्यालय को अवगत कराने का भी निर्देश दिया है। लोकायुक्त ने आदेश की प्रति मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के सचिव को भी भेजी है। गौरतलब है कि पूर्व में लोकायुक्त के आदेश पर ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जांच संख्या पीई-03/17 (हजारीबाग), दिनांक 31 अक्टूबर 2017 दर्ज कर जांच की थी।

जांच में पाया गया कि आरोपी अजय कुमार गोंड वर्ष 1992 में उत्पाद विभाग में उत्पाद अवर निरीक्षक के पद पर चयनित किए गए थे। वर्तमान में वे कोडरमा के उत्पाद अधीक्षक के रूप में पदस्थापित हैं। जांच के क्रम में जीवन बीमा निगम, किसान विकास पत्र व बैंकों में जमा राशि का सत्यापन किया गया। इसका अजय कुमार गोंड के उपलब्ध कराए गए दस्तावेज से मिलान किया गया।

जांचकर्ता ने जांच के दौरान पाया कि अजय कुमार गोंड, उनकी पत्नी व पुत्र अविनाश आनंद ने जनवरी-2018 से 31 मार्च 2018 के बीच भिन्न-भिन्न मदों में भारी राशि का निवेश किया है। इसी अवधि को जांच अवधि मानकर एसीबी ने आय-व्यय की गणना की। एसीबी की जांच में यह पाया गया कि अजय कुमार गोंड की पत्नी ने आयकर रिटर्न में मकान किराया, ट्यूशन एवं व्यवसाय से आय दर्शाया है।

सत्यापन में ट्यूशन व व्यवसाय से दर्शाये गए आय का स्रोत गलत पाया गया है। अत: ट्यूशन व व्यवसाय में दर्शाए गए आय को अमान्य करते हुए आयकर रिटर्न में दर्शाए गए मकान कराया, जो हरमू कॉलोनी के मकान से प्राप्त हुआ है, को गणना में शामिल किया गया था।

लोकायुक्त के आदेश पर एसीबी ने की थी पूरे मामले की जांच

लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय के आदेश पर ही एसीबी ने पूरे मामले मामले में पीई दर्ज कर जांच की तो यह खुलासा हुआ। लोकायुक्त कार्यालय में 11 अगस्त 2017 को हजारीबाग के खीरगांव इमली कोठी निवासी दिलीप यादव ने लिखित शिकायत कर कोडरमा के उत्पाद अधीक्षक अजय कुमार गोंड पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत की थी।


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