संस्कृत की किताब बदले जाने के मामले में जैक ने गठित की कमेटी
झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने शनिवार को 12वीं के संस्कृत की पुस्तक बीच सत्र में बदलने जाने के मामलेै में जैक ने एक सात सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। इसे 19 अगस्त तक रिपोर्ट सौंप देनी है।
जागरण संवाददाता, रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने शनिवार को 12वीं के संस्कृत की पुस्तक बदले जाने के मामले में सात सदस्यीय कमेटी गठित कर दिया है। कमेटी से कहा गया है कि जेसीईआरटी द्वारा प्रदत संस्कृत पाठ्यपुस्तक का अध्ययन करते हुए पुराने संचालित पाठ्यपुस्तक के आलोक में तुलनात्मक प्रतिवेदन 19 अगस्त को सौंपे। कमेटी के अध्यक्ष जैक उपाध्यक्ष फूल सिंह हैं। इसके अलावा सदस्यों में जैक के संयुक्त सचिव मोहन झा, पूर्व सदस्य जैक दीपचंद राम कश्यप, जेवीएम श्यामली के पूर्व प्राचार्य डीआर सिंह, डीपीएस रांची के संस्कृत विषय के शिक्षक, प्लस टू उवि बुंडू के शिक्षक श्रवण कुमार पांडेय व जिला स्कूल, रांची के शिक्षक गोविंद बिहारी शामिल हैं। गौरतलब है पुस्तक बदले जाने पर दैनिक जागरण ने 13 अगस्त के अंक में 'आधे सत्र में बदल दी 12वीं की किताब' शीर्षक से खबर को प्रमुखता से छापा था। इसके बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने बैठक कर जैक सचिव महीप सिंह को निर्देश दिया था कि 12वीं में संस्कृत की कौन सी किताब संचालित करनी है, इस मामले में विशेषज्ञों व शिक्षकों से मंतव्य लेकर रिपोर्ट दें। यह है मामला
सीबीएसई एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित किताबों को संचालित करती है। जेसीईआरटी ने एनसीईआरटी पर आधारित पुस्तकें प्रकाशित कर स्कूलों में भेज दिया। एनसीईआरटी ने 12वीं की संस्कृत की किताब ऋतिका को बदलकर भास्वती (भाग-2) संचालित किया। जेसीईआरटी ने 12वीं में भास्वती को कोर और शाश्वती को इलेक्टिव के तौर पर छपवा कर स्कूलों को भेज दिया। इधर स्कूलों में ऋतिका से आधे सिलेबस की पढ़ाई हो गई है। अब छात्रों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि फरवरी में होने वाली बोर्ड परीक्षा में जैक किस किताब से प्रश्न पूछेगा?