मोबाइल के विवाद में दो दोस्तों की हत्या, दो के खिलाफ केस दर्ज; दोनों फरार
murder. मोबाइल के विवाद में दो दोस्तों की हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस मामले की जांच-पड़ताल कर रही है।
जागरण टीम, होशियारपुर। रविवार रात एकसाथ बैठकर शराब पी रहे दोस्तों में मोबाइल को लेकर बहस हो गई। मामला इस कदर बढ़ गया कि दो दोस्तों ने मिलकर दो साथियों का कत्ल कर दिया। मामला कस्बा हरियाना के गांव नौशहरा का है। दो दोस्तों ने नशे में धुत होकर मोबाइल को लेकर हुए झगड़े में अन्य दो दोस्तों का कत्ल कर दिया। मृतकों की पहचान अजीत तोपनू (27) पुत्र विनेयक तोपनू निवासी बस्सी बाबू खान मूल निवासी गांव कुड़ा, थाना लपुगा, जिला रांची, झारखंड व गुरकमल (24) पुत्र सुखविंदर सिंह निवासी बस्सी बाबू के रूप में हुई है।
मृतक गुरकमल के नाना रेशम सिंह के बयान के आधार पर लवदीप निवासी नौशहरा व परमजीत सिंह उर्फ बिंदू निवासी हाजीपुर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपित फरार हैं।
इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह ने बताया कि गुरकमल व अजीत अकसर रात को इकट्ठे शराब पीते थे। गत रात भी वह शराब पीने के लिए गए थे। उन्हें वहां पर लवदीप व परमजीत सिंह मिल गए। चारों ने एक साथ बैठकर शराब पीनी शुरू कर दी। इसके बाद वह और शराब खरीद कर नौशहरा मंडी में चले गए। वहां पर फिर इन चारों ने शराब पीनी शुरू कर दी। इस दौरान लवदीप व बिंदू की गुरकमल व अजीत के साथ मोबाइल को लेकर बहस शुरू हो गई, जो हाथापाई में बदल गई। गुरकमल व अजीत बुरी तरह से घायल हो गए। ज्यादा शराब पीने के कारण वह बेसुध हो गए और लवदीप व बिंदू मौके से चले गए।
भड़का गुस्सा और गंडासे से काट डाला
मारपीट कर लवदीप व बिंदू लौट गए , लेकिन उनके सिर पर खून सवार था। वह दोबारा तेजधार हथियार लेकर मंडी में चले गए जहां पर गुरकमल व अजीत बेसुध पड़े थे। उन्होंने जाते ही दोनों पर तेजधार हथियारों के साथ वार करना शुरू कर दिया और तब तक वार करते रहे जब तक दोनों मर नहीं गए। कत्ल करने के बाद वह मौके से फरार हो गए।
परिवार वालों को सुबह चला पता बेटे का हो गया कत्ल
सिविल अस्पताल में अजीत के शव को लेकर पुलिस के साथ पहुंचे उसके भाई अनिल व प्रदीप ने बताया कि भाई गुरकमल के साथ लकड़ मंडी में लकड़ी काटने का काम करता था। गुरकमल व अजीत इकट्ठे रहते थे। उनकी आपस में गहरी दोस्ती थी। रात को अजीत व गुरकमल शराब पीने गए थे। उनका भाई अजीत अक्सर गुरकमल के पास रात को जाता था। रात को अजीत जब घर नहीं आया तो सोचा कि वह गुरकमल के साथ होगा। सुबह जब मंडी में हर रोज की तरह काम के लिए कामगार पहुंचे तो उन्होंने उन्हें सूचना दी कि उसके भाई की लाश मंडी में पड़ी हुई है।