झारखंड में करोड़ रुपये के इंटरसेप्टर से नहीं कटा एक भी चालान
करोड़ रुपये की लागत से खरीद की गई इंटरसेप्टर से अभी तक एक भी चलान नहीं कटा।
रांची, राज्य ब्यूरो । करोड़ रुपये की लागत का इंटरसेप्टर शहर की सड़कों की कभी-कभार शोभा बढ़ाता दिखता है, लेकिन अपना मूल काम अब तक नहीं कर सका। यह इंटरसेप्टर स्पीड लिमिट को तोड़ने वाले एक भी वाहन का अब तक चालान नहीं काटा।
अब झारखंड पुलिस का नया शो चालू होने वाला है और वह शो है स्पीड रडार गन शो। पुलिस मुख्यालय ने 16 स्पीड रडार गन खरीदने का टेंडर भी निकाल दिया है। इसी महीने में टेंडर फाइनल होना है।
स्पीड पर लगाम कसने के उद्देश्य से ही इंटरसेप्टर उतारा गया था। सितंबर माह से ही यह गाड़ी शहर की सड़कों पर टहलती हुई दिख जाती है। यह उपकरण सिर्फ नाम का बनकर रह गया, इसका एक्शन दिखता ही नहीं। अब रफ्तार रोकने के लिए नया उपकरण आएगा।
झारखंड पुलिस ने प्रदेश में करोड़ों की लागत से उतारे हैं छह इंटरसेप्टर
रफ्तार से होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम कसने के लिए ही झारखंड पुलिस का इंटरसेप्टर सड़क पर उतारा गया था। प्रदेश में प्रथम फेज में करोड़ों की लागत से छह इंटरसेप्टर गाड़ियां खरीदी गई थीं।
इनमें दो गाड़ियां रांची के लिए, एक-एक गाड़ियां जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग व बोकारो को दी गई हैं। अर्टिगा कार पर अत्याधुनिक कैमरे लगे हैं, जो निर्धारित रफ्तार तोड़ने वाली गाड़ियों को पकड़ेंगे व उनका चालान काटेंगे। यह गाड़ी सिर्फ शो-पीस ही बनकर रह गई।
स्पीड लिमिट का नहीं हो सका निर्धारण
कौन सी सड़क पर वाहनों की अधिकतम स्पीड क्या होगी, इसका निर्धारण अब तक नहीं हो सका है। ऐसी स्थिति में इंटरसेप्टर खरीदें या स्पीड रडार गन, उनका शो-पीस बनना तय है।