Move to Jagran APP

शिक्षा वाले अफसर कर रहे अशिक्षा के कारनामे, अब चल रही विभागीय कार्यवाही

Jharkhand Govrnment. राज्य शिक्षा सेवा के दो पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। एक अफसर की अनियमितता के कारण स्कूल बंद हो गए थे, दूसरे ने छात्र हित को नुकसान पहुंचाया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 01:01 PM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 05:33 PM (IST)
शिक्षा वाले अफसर कर रहे अशिक्षा के कारनामे, अब चल रही विभागीय कार्यवाही
शिक्षा वाले अफसर कर रहे अशिक्षा के कारनामे, अब चल रही विभागीय कार्यवाही

रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। राज्य में शिक्षा की लौ जलाने के लिए जिम्मेदार पदाधिकारी अशिक्षा फैलाने में लगे हैं। राज्य शिक्षा सेवा के कुछ पदाधिकारियों के कारनामे कुछ इसी तरह के ही हैं। दो अफसरों के विरुद्ध लगे आरोप और शुरुआती जांच में हुई पुष्टि से कुछ ऐसा ही लगता है। राज्य सरकार ने इन दोनों पदाधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। देवघर के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक हिमांशु शेखर मेहता ने अपने पदस्थापन काल में शिक्षकों के स्थानांतरण में घोर अनियमितता बरती।

loksabha election banner

इस कारण देवघर के देवीपुर स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय दुर्गीरायडीह तथा उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बारासोली शिक्षक के अभाव में बंद हो गए। इतना ही नहीं, उपायुक्त की अध्यक्षता वाली जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में शिक्षकों के स्थानांतरण आदेश जारी करने में अनावश्यक देरी की। ये सारे आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाए गए। अब राज्य सरकार ने देवघर उपायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर सुधांशु शेखर मेहता के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया है।

इसकी जिम्मेदारी विभागीय जांच पदाधिकारी ददन चौबे को देते हुए उनसे निर्धारित समय में जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपने का निर्देश दिया गया है। एक अन्य मामले में पलामू की तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा वर्तमान में रामगढ़ की जिला शिक्षा पदाधिकारी मीना कुमारी राय पर कई गंभीर वित्तीय अनियमितता, विभागीय कार्यों में प्रक्रिया के विरुद्ध कार्य करने, निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ठेकेदारों को भुगतान लंबित रखने के अलावा अपने अधीनस्थ कर्मियों का बिना वजह के वेतन रोकने और सरकारी दस्तावेज अपने घर पर रखने के आरोप हैं।

इनके अलावा कैश बुक मेंटेन नहीं करने तथा छात्र-छात्रों के हितों के प्रतिकूल कार्य करने के आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित हुए हैं। इन आरोपों की पुष्टि उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में भी की है। साथ ही माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश से विभाग के उपसचिव सह आंतरिक वित्तीय सलाहकार की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय जांच कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में इन आरोपों को सही पाया। राज्य सरकार ने इन प्रमाणित आरोपों को आधार बनाते हुए मीना कुमार राय को निलंबित कर दिया है। साथ ही इनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में अलग से आदेश जारी किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.