राधाकृष्ण-रामचंद्र में फिर ठनी, भरी महफिल में कह दिया नॉन सीरियस मंत्री
Jharkhand Assembly. विधानसभा में शुक्रवार को बजट सत्र की पहली पाली में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी व राधाकृष्ण किशोर आपस में उलझ पड़े।
रांची, राज्य ब्यूरो। शुक्रवार को विधानसभा बजट सत्र की पहली पाली में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी और भाजपा के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर में एक बार फिर ठन गई। लगभग आधे घंटे तक दोनों के बीच गरमागरम और उपहास भरी बहस हुई। सत्ता पक्ष के ही विधायक राधाकृष्ण किशोर ने जहां चंद्रवंशी को नॉन सीरियस स्वास्थ्य मंत्री करार दिया तो मंत्री ने भी एक ही सवाल बार-बार घुमाकर पूछने का आरोप लगाते हुए ज्यादा काबिल नहीं बनने की नसीहत दे डाली।
मुख्य सचेतक ने भी पलटवार किया कि स्वास्थ्य मंत्री कितने काबिल हैं पूरा राज्य जानता है। दरअसल, राधाकृष्ण किशोर ने राज्य के 45 फीसद बच्चों में कुपोषण और 70 फीसद में खून की कमी होने का मामला अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से उठाते हुए सरकार से पूछा था कि तीन वर्षो में इससे कितने नवजात शिशुओं की मौत हुई। स्वास्थ्य मंत्री ने विधायक पर एक ही सवाल बार-बार घुमाकर पूछने तथा जानबूझकर भूमिका बांधने का आरोप लगाया। इसपर बिफरते हुए राधाकृष्ण ने उन्हें संसदीय व्यवस्था नहीं सिखाने की नसीहत देते हुए नॉन सीरियस मंत्री की उपाधि दे डाली।
हालांकि मंत्री सीपी सिंह के अनुरोध पर स्पीकर ने इसे सदन की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया। राधाकृष्ण किशोर ने यहां तक कह दिया कि स्वास्थ्य मंत्री से उन्हें कोई उम्मीद नहीं है। बता दें कि रामचंद्र चंद्रवंशी और राधाकृष्ण किशोर के बीच पिछले दिनों भी सदन में गरमागरम बहस हुई थी।
कुपोषण, एनीमिया दूर करने की सारी योजनाएं फेल : राधाकृष्ण भाजपा के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने सरकार द्वारा कुपोषण व एनीमिया से निपटने के लिए संचालित सारी योजनाओं को फेल बताया। कहा, सरकार ने इससे निपटने के लिए 95 कुपोषण उपचार केंद्र संचालित हाने, आयरन की गोली व पूरक पोषाहार आदि देने की योजनाएं संचालित होने की जानकारी दी है। जब राज्य में कुपोषण व एनीमिया की इतनी गंभीर समस्या बरकरार है तो साफ जाहिर है कि संचालित सारी योजनाएं राज्य में फेल हैं। इसपर मंत्री ने कहा कि कुपोषण व एनीमिया से निपटने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। राधाकृष्ण ने सदन को गुमराह नहीं करने की नसीहत मंत्री को दी।