Move to Jagran APP

कला पक्षी जैसी, हवा में नही उड़ी तो मर जाएगी : बुलु इमाम

रांची : झारखंड के हजारीबाग शहर के वार्ड नंबर पाच का रिहायशी इलाका। कहने तो शहर है, ल

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Jan 2019 12:49 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jan 2019 12:56 PM (IST)
कला पक्षी जैसी, हवा में नही उड़ी तो मर जाएगी : बुलु इमाम
कला पक्षी जैसी, हवा में नही उड़ी तो मर जाएगी : बुलु इमाम

रांची : झारखंड के हजारीबाग शहर के वार्ड नंबर पाच का रिहायशी इलाका। कहने तो शहर है, लेकिन यहा के तीन एकड़ इलाके में एक गाव बसा है। घर मिट्टी के हैं। हर घर आदिवासी कला-संस्कृति की एक अलग कहानी बया करते हैं। इन्हीं मिट्टी के घरों में से एक में पर्यावरणविद् बुलु इमाम गर्म गाउन और काली टोपी लगा अपने पुराने अंदाज में मिले। अपने गैजेट्स यानी कलम, डायरी और कंप्यूटर के बीच कुछ करते नजर आए। पद्मश्री मिलने की सूचना के बाद भी जब लोग उनसे मिलने पहुंचे तो कहा बस 10 मिनट, मैं काम खत्म कर लूं..फिर बात करता हूं। काम खत्म कर बाहर आए..जैसे ही सोहराय व कोहबर के बारे में सवाल आया, टोकते हुए कहते हैं इसे उड़ना होगा। हवा में तैरना होगा। उड़ने का मेरा अर्थ है, पक्षी के सामान। कला बस वैसे ही है। इसे बाधकर नहीं रख सकते। देश-विदेश की मिट्टी पर जब यह दिखेगी, तभी आगे बढ़ेगी, नही तो मर जाएगी। हम लोगों के जितने भी पर्यटन के साधन हैं, जैसे हवाई जहाज, बसें आदि को सोहराय व कोहबर से पेंट कर देना चाहिए। बस अब आकाश व जंगल की बात : पर्यावरण की बात पर गंभीर हो जाते हैं.. कहते हैं अब सिर्फ अब आकाश व जंगल की बात करेंगे। हवा और पानी नहीं बचा तो लौट कर नहीं आएगा। यह रिसाइकल नहीं हो सकता। जोर देते हुए कहा कि सुन लीजिए यह आखिरी मौका है। अब अपने पर्यावरण को अभी नहीं बचाएंगे तो कभी नहीं बचा सकेंगे। सरकार को पुकार करना होगा.. जंगल, जमीन, आकाश, पानी को बचाना है। ये चीज हम गंदा कर दें या बर्बाद कर दें तो फिर यह कभी नहीं लौटेगी। कानून बना चाहिए सिर्फ आम लोगों ने लिए बल्कि सरकार के लिए भी। वन विभाग सड़क बनाने के लिए पेड़ काटने की अनुमति देता है तो हम पूछेंगे और कोई रास्ता नहीं था। पूरा जंगल काट देना आतंकवाद है। हमको अब कोई चोट नहीं कर सकता : पद्मश्री सम्मान के सवाल पर कहते हैं कि हम जान रहे हैं कि अब हमको कोई चोट नही कर सकता। क्योंकि अब पद भी मिल गया और उम्र भी मिल गया। मेरे पास अब ताकत है। हम हर दिन पर्यावरण संरक्षण की बात करेंगे। कोई पसंद करे या ना करे। मुस्कराते हुए कहते हैं गिरफ्तार करेंगे तो करने दो.. फिर कहते पतले हाथ में हथकड़ी नहीं लगा सकते निकल जाएगी.फिर ठहाका लगाते हैं। बात को विराम देते हुए कहते हैं रंग होना चाहिए धरती का, क्योंकि भारत है धरती की माता। यह चीज दुनिया को बताने की जरूरत है। दुनिया शीशा व लोहा में फंस गई है। एकजाल में फंस गई है और अब भारत ही राह दिखा सकता है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.