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बापू की यादों को संभाले है साहू परिवार

रांची : जिनके परिश्रम ने देश को आजादी दिलाई, उनकी यादें शहर के कदम-कदम पर मौजूद हैं। रांची के साहू परिवार ने उनकी विरासत को संभाल कर रखा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Jan 2019 11:51 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jan 2019 11:51 AM (IST)
बापू की यादों को संभाले है साहू परिवार
बापू की यादों को संभाले है साहू परिवार

रांची : जिनके परिश्रम ने देश को आजादी दिलाई, उनकी यादें शहर के कदम-कदम पर मौजूद हैं। देश को आजादी दिलाने के लिए महात्मा गांधी ने अपनी पूरी जिंदगी देश के नाम कर दी। अपने शहर रांची में ही बापू की कई निशानियां मौजूद हैं। बापू की विरासत को राची का साहू परिवार संभाल कर रखे हुए है। बापू की प्रेरणा से लगाया गया कोल्हू

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बापू ने कहा था-इस भंडार की उन्नति हो। उनकी कही बात सत्य साबित हुई। राची के व्यवसायी और गाधीवादी श्याम किशोर साहू का परिवार और उनका कोल्हू दोनों तरक्की कर रहे हैं। गाधीवादी श्याम किशोर साहू और उनकी पत्नी सवित्री साहू ने गाधीजी की प्रेरणा से राची के शहीद चौक के पास कोल्हू शुरू किया था। गाधीजी ने खुद 29 मार्च 1940 में राची आकर इस कोल्हू की उन्नति की कामना की थी और आज उनका परिवार निरंतर तरक्की कर रहा है। सालों से वह इस कोल्हू को संचालित कर रहे हैं। यहा से हर दिन कई किलो तेल पेराकर निकलता है। गाधीजी का लिखा उन्नति का पत्र यहा सुरक्षित है, जिस पर उनका हस्ताक्षर है और इसकी तरक्की की कामना है। यहा दो कोल्हू संचालित हैं। ऑफर आए पर मन नहीं बदला

शहर के बीचों- बीच जिस जगह पर यह कोल्हू चलता है, उस जगह पर शॉपिंग मॉल चलाया जाए तो करोड़ों का मुनाफा कमाया जा सकता है। इसके मालिक को भी इसके लिए कई ऑफर आए, लेकिन उन्होंने अपना मन नहीं बदला। कोल्हू के मालिक बापू की इस विरासत को कायम रखना चाहते हैं। शहीद चौक स्थित कोल्हू से जो तेल निकलता है, उसकी शुद्धता को देखते हुए इसे खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है। इस कोल्हू से कई परिवारों की जीविका चल रही है। अब मोटर का होता है इस्तेमाल

पहले यहा बैल के द्वारा कोल्हू से तेल पेरा जाता था और तेल निकाला जाता था। धीरे-धीरे समय बदलता चला गया और आज ऐसी स्थिति है कि मोटर का प्रयोग कर दोनों कोल्हू से तेल निकाला जाता है। लेकिन समय चाहे जितना बदला हो, आज भी यह परिवार महात्मा गाधी की यादों को समेट कर रखे हुए है, जिसका जीता जागता उदाहरण यह कोल्हू है।


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