पिपरवार के बहुचर्चित सलमान हत्याकांड को CBI ने किया टेकओवर, दर्ज की FIR
CBI. चतरा जिले के पिपरवार के तत्कालीन थानेदार विनोद कुमार सिंह, एएसआइ प्रेम कुमार मिश्रा, जवान रवि राम व पांच पुलिसकर्मयिाें पर मोहम्मद सलमान की हत्या का आरोप है।
रांची, राज्य ब्यूरो। चतरा के पिपरवार में एक युवक मोहम्मद सलमान की हत्या के मामले को सीबीआइ की दिल्ली स्थित स्पेशल क्राइम सेल ने टेकओवर करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ली है। वर्ष 2017 में 23 जून की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे सलमान की गोली मारकर हत्या की गई थी। वह चतरा जिले के पिपरवार थाना क्षेत्र के राजघर बहेरा गांव का रहने वाला था। हत्या का आरोप पिपरवार के तत्कालीन थानेदार विनोद कुमार सिंह, एएसआइ प्रेम कुमार मिश्रा, आम्र्स गार्ड रवि राम व पांच पुलिसकर्मियों पर लगाया गया था।
इस मामले में सलमान के पिता अब्दुल जब्बार के बयान पर पिपरवार थाने में 24 जून 2017 को सभी आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई थी। मृतक के पिता ने न्याय के लिए झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और सीबीआइ से जांच कराने की गुहार लगाई थी। हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही सीबीआइ ने इस बहुचर्चित मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। कांड के अनुसंधानकर्ता सीबीआइ दिल्ली के स्पेशल क्राइम सेल के इंस्पेक्टर अविनाश कुमार बनाए गए हैं।
मृतक के पिता ने पिपरवार थाने में जो दिया था बयान : मृतक सलमान के पिता अब्दुल जब्बार के बयान पर पिपरवार थाने में 24 जून 2017 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। अब्दुल जब्बार ने बताया था कि वे 23 जून 2017 को अपने परिवार के साथ अपने घर में बैठे थे। रात करीब साढ़े नौ बजे पिपरवार थानेदार विनोद कुमार सिंह, एएसआइ प्रेम कुमार मिश्रा, आम्र्स गार्ड रवि राम सहित टीम में शामिल अन्य पांच पुलिसकर्मी स्कार्पियो से उनके घर पर पहुंचे। सभी उनके घर में जबरन घुस गए।
उनलोगों ने जब्बार से उनके बेटे मोहम्मद सलमान के बारे में पूछा। जैसे ही जब्बार ने सलमान को बुलाया थानेदार विनोद कुमार सिंह व एएसआइ प्रेम कुमार मिश्रा उसके साथ मारपीट करने लगे। उनलोगों ने मोहम्मद सलमान को घर से बाहर निकाला और अपने जवानों को कहा कि गोली मार दो। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने सलमान को गोली मार दी थी। सलमान को आसपास के लोगों की मदद से परिजन बचरा स्थित क्षेत्रीय अस्पताल ले गए थे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने जांच के बाद गैर इरादतन हत्या का मामला बताते हुए निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।
हाई कोर्ट ने की थी टिप्पणी, गलती से कैसे चल सकती है तीन गोली : झारखंड हाई कोर्ट में अक्टूबर 2017 में जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने गोली मारने के आरोपित पुलिसकर्मी रवि राम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। रवि राम जेल में बंद है। जमानत याचिका खारिज करने के बाद ही अदालत ने सीबीआइ से जांच कराने का आदेश दिया था।
अदालत में सुनवाई के दौरान गोली मारने के आरोपित पुलिसकर्मी रवि राम की ओर से कहा गया था कि उन्होंने हत्या की नीयत से गोली नहीं चलाई थी, गोली चलना महज दुर्घटना थी। पुलिस ने जांच में गैर इरादतन हत्या का मामला मानते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी थी। जमानत की अर्जी पर सुनवाई के दौरान अदालत ने टिप्पणी की कि दुर्घटनावश एक गोली चल सकती है, तीन नहीं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस ने इस मामले की जांच सही तरीके से नहीं की है। इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए।