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रांची के खादी मेले में छाया प्रतापगढ़ का मुरब्बा

रांची में चल रहे खादी मेला सह सरस महोत्सव में प्रतापगढ़ का मुरब्बा और जयपुर की जूतियां लोगों को भा रही हैं। गुरुवार को मेले में कई कार्यक्रम हुए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 06:44 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 06:44 AM (IST)
रांची के खादी मेले में छाया प्रतापगढ़ का मुरब्बा
रांची के खादी मेले में छाया प्रतापगढ़ का मुरब्बा

जागरण संवाददाता, रांची : मोरहाबादी मैदान में लगे राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव में उल्लास है। चारों तरफ। यहां देश के कोने-कोने से स्टालधारक आए हैं। कश्मीर हो या पूर्वोत्तर। राज्य के स्टालधारक तो है हीं। हर दिन भीड़ बढ़ती जा रही है। हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हो रहे हैं। कश्मीर के कलाकार भी लोकनृत्य पेश कर रहे हैं।

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पूरा गांव बनाता है जूतियां : राजस्थान के जयपुर जिले में उदयपुरिया एक गांव है। यहीं से आए हैं अनिल कुमार रेंगर। सर्वोदय हैंगर में इनका स्टाल है। ये राजस्थान के पारंपरिक जूते लेकर आए हैं। पर इनकी खासियत यही नहीं है। जिस गांव से आए हैं, उस गांव के लोगों का काम ही है जूता बनाना। इनका परिवार भी कई पुश्तों से जूता बना रहा है। पर अनिल पूरे गांव से जूता लेकर मेला-मेला बेचते हैं। इस तरह अनिल पूरे गांव का पेट पालते हैं। पुरुष, महिला और बच्चियों के लिए खास रंग-बिरंगा लहरिया जूती लेकर आए हैं। नागरा शैली का भी जूता है। ऊंट के चर्म का भी जूता है। इसे बनाने में काफी परिश्रम करनी पड़ती है। कहीं कील का इस्तेमाल नहीं। सूत से इसकी सिलाई होती है।

स्वाद में लाजवाब आंवले के लड्डू : दीपू मिश्रा प्रतापगढ़ का मुरब्बा लेकर आए हैं। प्रतापगढ़ आवंले को लेकर प्रसिद्ध है। मेले में काफी लोग इसे पसंद कर रहे हैं। आंवला जूस, आंवला कैंडी से लेकर आंवले की टाफी, लड्डू भी है। माया नाम से कंपनी है। यहां वे पिछले दस सालों से आ रहे हैं। आंवला का जूस, आंवला चटपट, आंवला का लड्डू, आंवला का माउथ फ्रेशनर है। लोग लड्डू बड़े चाव से खा रहे हैं।

लेदर बैग की मांग :मेले में अभय दिल्ली से लेदर बैग लेकर आए हैं। महिलाओं के लिए खासकर। तरह-तरह के बैग यहां देख सकते हैं। हैंड बैग से लेकर पिट्ठू बैग और विशाल बैग भी। ट्रवेल करने वाला बैग भी है। इसके साथ ही खूबसूरत पर्स भी। कई डिजाइनों में। महिलाओं और बच्चियों को खूब भा रहा है।

ब्यूटी ऑफ कोरा की मांग: फैशन डिजाइनर आशीष सत्यव्रत साहु ने कोरा खादी पर काम किया है। तरह-तरह के डिजाइनदार कुर्ता और शर्ट लेकर आए हैं। खादी बोर्ड के स्टाल पर देख सकते हैं। काफी लोगों ने बुक करा लिया है। कोरा खादी की मांग बहुत है। यह शुद्ध खादी है। इसे फैशन से जोड़ दिया है। हरिहरगंज में इसकी कताई-बुनाई हुई है।

आंख जांच भी : मेले में अपनी आंख भी जांच करा सकते हैं। यहां सस्ते दामों पर चश्मा भी दिया जा रहा है। मेले में कोल्हू से निकला सरसों तेल भी खरीद सकते हैं। झारखंड राज्य आदिवासी सहकारी विकास निगम लिमटेड का भी स्टाल लगा है।

चुमकी ने झुमाया :संध्या रांची की चुमकी राय ने अपने गीतों से झुमाया। संतोष महतो के दल ने लोकनृत्य पेश किया। गुलाब सिंह मुंडा की टीम ने पइका नृत्य। कश्मीर के कलाकारों ने भी खूब देर तक झुमाया।


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