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गजलों से गुलजार हुई खादी मेले की शाम

शनिवार को रांची के मोरहाबादी में चल रहे खादी मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। मेले में लगे विभिन्न राज्यों के स्टॉल लोगों को भा रहे हैं।

By Edited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 07:05 AM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 07:09 AM (IST)
गजलों से गुलजार हुई खादी मेले की शाम
गजलों से गुलजार हुई खादी मेले की शाम

रांची, जासं।  मोरहाबादी में लगे खादी एवं सरस मेले में भीड़ उमड़ रही है। 11 बजे के बाद लोगों का आना शुरू हो जाता है। गिरते पारा की परवाह किसी को नहीं, लोग मेले का आनंद ले रहे हैं। शनिवार को शहरवासी मेले में उमड़ पड़े। मीडिया प्रभारी कंवलजीत सिंह संटी ने बताया कि मेले में सुबह दस बजे से ही लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। दो बजते-बजते मेला परिसर भर गया। खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ खुद मेला परिसर में घूमकर मेले का जायजा ले रहे थे।

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भीड़ के बावजूद मेला परिसर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। पचास कर्मी सफाई में लगे हुए हैं। रविवार को काफी भीड़ रहने की संभावना है। हालांकि अब तीन गेट बन जाने से दर्शकों को काफी राहत मिल रही है। पसंद आ रही है पटियाला की साड़ी, राजस्थान की जूतियां: मेले में कई प्रदेशों के वस्त्र भी हैं। पटियाला से आए अमन शर्मा कई तरह की पटियाला की साड़ी, शूट, प्लाजो लेकर आए हैं। दो हजार रुपये की साड़ी यहां मिल रही है। यहां महिलाओं और बच्चियों के लिए पंजाबी फूलकारी भी है। पंजाब का खास पहनावा भी यहां है। वहीं, राजस्थान से आए अनिल कुमार राजस्थानी जूतियां लेकर आए हैं, कीमत है दो सौ से लेकर चार सौ रुपये तक। पुरुषों के लिए नागरा जूता भी है। बच्चियों और महिलाओं के लिए रंगीन और डिजाइनदार फैंसी जूतियां खरीद सकते हैं।

कुल्हड़ की चाय और कहवा का आनंद :मेले में चाय का आनंद लेना है तो झूले के पास चले जाएं। यहां दस रुपये में कुल्हड़ की चाय का आनंद ले सकते हैं। चाय भी मिट्टी के बड़े बर्तन में बनाई जाती है। इसलिए सोंधी खुशबू भी अलग से। इसके साथ ही मेले के दक्षिणी छोर पर भी कुल्हड़ चाय और कश्मीरी कहवा का आनंद ले सकते हैं। इस ठंड में कहवा पीना न भूले। कला प्रदर्शनी का भी लें आनंद : मंच के बगल में कला प्रदर्शनी लगी हुई है। यहां करीब राज्य भर के दो सौ कलाकारों की पेंटिंग लगी हुई है। यहां लोग झारखंड की कला देख रहे हैं। कई कलाकार भी यहां हैं। पांच हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की पेंटिंग यहां उपलब्ध है। यहां लोग सेल्फी लेना नहीं भूलते।

नृत्य-संगीत का कार्यक्रम : संध्या मृणालिनी अखौरी का गायन हुआ। गांधी के प्रिय भजन सुनाए गए और इसके बाद उपस्थित लोगों ने गजलों का आनंद लिया। झारखंड व गोवा के कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। विपुल नायक की टीम ने गांधी पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की।


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