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पारा शिक्षक CM से वार्ता पर अड़े, हड़ताल से वापस लौटने को शिक्षा मंत्री से बातचीत जारी

Para Teachers. पारा शिक्षकों की ओर से कहा गया है कि वार्ता में नेता प्रतिपक्ष और दूसरे नेताओं को शामिल किया जाना चाहिए।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 01:21 PM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 01:21 PM (IST)
पारा शिक्षक CM से वार्ता पर अड़े, हड़ताल से वापस लौटने को शिक्षा मंत्री से बातचीत जारी
पारा शिक्षक CM से वार्ता पर अड़े, हड़ताल से वापस लौटने को शिक्षा मंत्री से बातचीत जारी

रांची, राज्य ब्यूरो। पारा शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री नीरा यादव के वार्ता का न्योता ठुकरा दिया है। पारा शिक्षकों के आंदोलन की अगुवाई कर रहे एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेताओं ने कहा है कि यदि मुख्यमंत्री उनके साथ वार्ता के लिए तैयार होते हैं तभी वे आगे बढ़ेंगे। साथ ही वार्ता में उन्हें स्थायी करने, आंदोलन के क्रम में मृत पारा शिक्षकों के आश्रितों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा व सरकारी नौकरी देने तथा पारा शिक्षकों के विरुद्ध की गई कार्रवाई वापस लिए जाने की सहमति बनती है तभी वे हड़ताल से वापस लौटेंगे।

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मोर्चा के नेता संजय दूबे ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने पहले ही कह दिया है कि पारा शिक्षकों की मांगों पर कोई भी निर्णय मुख्यमंत्री लेंगे। ऐसे में शिक्षा मंत्री के साथ वार्ता करने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री के साथ वार्ता का लिखित पत्र मिलने के बाद पारा शिक्षक सरकार के साथ वार्ता कर सकते हैं। बता दें कि शिक्षा मंत्री ने 26 दिसंबर तक वार्ता करने का अल्टीमेटम पारा शिक्षकों को देते हुए कहा कि हड़ताल से वापस नहीं लौटने पर राज्य सरकार की मजबूरी उनके विरुद्ध कार्रवाई की हो जाएगी। इधर, मोर्चा के विनोद बिहारी महतो, ह्रषिकेश पाठक ने कहा कि वे चाहते हैं कि मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता में नेता प्रतिपक्ष तथा विभिन्न दलों के विधायक दल के नेता भी रहें। 

सीएम को दे रहे गलत जानकारी : पारा शिक्षक नेताओं ने कहा है कि अधिकारी सीएम को गलत जानकारी दे रहे हैं कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर वेतनमान देने से पारा शिक्षकों को नुकसान होगा। नेताओं के अनुसार, झारखंड में कोई नई नियुक्ति नहीं होगी, जिससे टेट पास करना जरूरी हो। 2011 के बाद बने नियम पूर्व से काम कर रहे पारा शिक्षकों पर लागू नहीं किया जा सकता।

आज से विस का घेराव करेंगे बीआरपी-सीआरपी : सर्व शिक्षा अभियान (अब समग्र शिक्षा अभियान) के तहत कार्यरत प्रखंड साधन सेवी (बीआरपी) तथा संकुल साधन सेवी (सीआरपी) अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार से दो दिनों तक विधानसभा का घेराव करेंगे। महासंघ के अध्यक्ष पंकज शुक्ला और प्रवक्ता अमर खत्री ने कहा है कि 23 फरवरी को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव के साथ हुई वार्ता में बीआरपी-सीआरपी की समस्याओं के निराकरण के लिए कमेटी गठित की गई थी।

इस कमेटी ने आजतक कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी। युक्तिकरण के नाम पर बीआरपी-सीआरपी का स्थानांतरण 50 से 100 किमी दूर कर दिया गया है। इनकी मांगों में वेतनमान व अन्य सुविधाओं को लेकर गठित कमेटी की शीघ्र रिपोर्ट पेश करने, राज्य कार्यकारिणी की 38वीं बैठक के निर्णय को लागू करने, मानदेय बढ़ाने तथा  प्रति कार्य दिवस पर बीआरपी को 150 रुपये तथा सीआरपी को 100 रुपये भत्ता, ईपीएफ कटौती, ग्रुप बीमा एवं अन्य सुविधाओं का लाभ आदि शामिल हैं।


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