कोलेबिरा में सफल रहा डॉ अजय का ऑपरेशन, जीत से गदगद कांग्रेस अब नेता नहीं, नीति बनाएगी
Ajoy Kumar. इशारों-इशारों में कांग्रेस ने महागठबंधन की आस लगाए झामुमो को टका सा जवाब दिया है। कोलेबिरा के पहले झामुमो नेतृत्व की बात हो रही थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। एक जीत ने पूरी कहानी ही पलट दी। कुछ दिनों पूर्व तक जहां कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में चुनाव लडऩे की बात करती थी वहीं अब विश्वास से लबरेज पार्टी अब नई बातें बोल रही है। स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष ने भी नेता चुनने को दूसरी प्राथमिकता करार देते हुए कहा कि पहले कांग्रेस नीति निर्धारण चाहती है और इसके बाद नेता का चुनाव होगा। मकसद स्पष्ट है कि कॉमन मीनिमम प्रोग्राम बनने के बाद ही पार्टी किसी के नेतृत्व को स्वीकार करेगी।
कांग्रेस का यह आत्मविश्वास ऐसे ही नहीं जगा है। जिस झामुमो का नेतृत्व उसे पिछले कई महीनों से स्वीकार था उसी ने कोलेबिरा उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ दूसरे प्रत्याशी का सहयोग कर दिया। इतना ही नहीं झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने आशीर्वाद दिए तो कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन झापा प्रत्याशी के साथ क्षेत्र में घूम भी आए। इस परिस्थिति में कांग्रेस का संघर्ष बढ़ा।
इसके बावजूद तीन बार के विधायक रहे एनोस एक्का की पत्नी झापा प्रत्याशी मेनन एक्का चौथे स्थान पर रहीं और कांग्रेस का प्रत्याशी जीत गया। फिर कांग्रेस के नेता तो आग उगलेंगे ही। यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा। आनेवाले दिनों में कांग्रेस झामुमो के साथ सख्ती से पेश आएगी। विधानसभा में छह विधायकों के साथ सफर शुरू करनेवाली पार्टी के विधायकों की संख्या 9 हो गई है। इन्होंने विधायक गीता कोड़ा को उनकी पार्टी के साथ कांग्रेस में शामिल करा लिया तो लोहरदगा और कोलेबिरा सीट को अपने कब्जे में करने में सफलता पाई। इन परिस्थितियों में अब गठबंधन की राह और कठिन होती दिख रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, गठबंधन के तहत ही जीते थे गोमिया उपचुनाव और राज्यसभा चुनाव : कोलेबिरा उपचुनाव के बाद विपक्षी महागठबंधन पर कोई असर तो नहीं पड़ा है लेकिन खटराग शुरू होता दिख रहा है। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने चुनाव परिणाम के बाद कहा था कि गठबंधन का स्वरूप तय नहीं होने के कारण झापा प्रत्याशी का समर्थन किया गया लेकिन अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने उनकी बात को दरकिनार कर दिया है।
उन्होंने कहा कि गठबंधन को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं था। गोमिया विधानसभा उपचुनाव और राज्यसभा चुनाव में गठबंधन के बैनर तले ही विपक्षी पार्टियों ने जीत हासिल की। हालांकि डॉ. अजय कुमार ने जोर देकर कहा कि गठबंधन पर कहीं कोई असर नहीं है और अगला चुनाव भाजपा को हराने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं। हेमंत सोरेन पर सीधी टिप्पणी से भी वे बचते रहे। सोमवार को वे प्रदेश मुख्यालय में प्रेस को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और कोलेबिरा के नवनिर्वाचित विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी भी मौजूद थे।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने दावा किया कि अगले चुनाव में भाजपा की कुरीतियों को विपक्ष समाप्त कर प्रगतिशील सरकार बनाने में सफल होगा। हमारी नीति, वचनपत्र और न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय होगा और महागठबंधन का स्वरूप भी तय होगा। कांग्रेस ने अंग्रेजों को भगाया है, भाजपा क्या चीज है। उन्होंने विगत 13 दिसंबर को खूंटी में पत्थलगड़ी की रिपोर्ट करनेवाले ग्रामीण पत्रकार अमित टोप्पनो की हत्या की निंदा की और कहा कि यह केवल चौथे स्तंभ पर हमला नहीं बल्कि गांव से राजधानी तक खबर पहुंचानेवाले सजग प्रहरी की नृशंस हत्या थी।
इस मौके पर कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि कोलेबिरा का परिणाम 2019 का आगाज है। राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में लोग विश्वास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों की मौत चिंता का विषय है। 26 दिसंबर को पारा शिक्षकों की समस्या को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा चलाने की जिम्मेदारी सरकार की है और हमारा पूरा सहयोग रहेगा।
कार्यक्रम के दौरान नव निर्वाचित विधायक नमन बिक्सल कोंगाड़ी ने कांग्रेसजनों को संदेश दिया कि खुलकर आगे आएं।
कोलेबिरा में कांग्रेस की और राहुल गांधी की नीतियों की जीत हुई है। जनता के प्रति आभार भी जताया। कहा कि आरपीएन सिंह का राजनीतिक अनुभव, उमंग सिंगार की सोच और वरिष्ठ नेताओं की मेहनत से यह जीत हासिल हुई है। कोंगाड़ी एक साधारण गरीब कार्यकर्ता है जिसके पास एक दोपहिया स्कूटर के सिवा कुछ नहीं है। मौके पर मुख्य रूप से विधायक मनोज यादव, सुखदेव भगत, डॉ. इरफान अंसारी, बिट्टू सिंह, बादल पत्रलेख, मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर, प्रवक्ता आलोक दुबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव, राजीव रंजन प्रसाद के साथ-साथ पूर्व विधायक थियोडर किड़ो, रमा खलखो, बैंजामिन लकड़ा, रविंद्र सिंह, मानस सिन्हा, प्रभाकर तिर्की, सिमडेगा जिलाध्यक्ष अनूप केशरी और गुमला जिलाध्यक्ष रौशन बरवा मौजूद थे।