बिजली रुठी तो छात्र भी करने लगे अन्य शहरों का रुख
रांची : बिजली संकट के कारण राज्य भर से पढ़ने के खयाल से आए छात्र सिर्फ इसलिए रांची छोड़ रहे है क्योकि यहां बिजली की कटौती ज्यादा हो रही है।
जागरण संवाददाता, रांची : बिजली संकट के कारण राज्य भर से पढ़ने के खयाल से आए छात्र सिर्फ इसलिए रांची छोड़ रहे हैं क्योंकि उनकी पढ़ाई में बिजली का साथ नहीं मिल पा रहा है। सप्ताह भर बाद स्कूल और कॉलेजों में सर्दियों की छुट्टी होने वाली है लेकिन मौसम की स्थिति और बिजली की बदहाली देख कर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं यहां रुक कर पढ़ाई करने की बजाय अपने अन्य शहरों का रुख कर रहे हैं। ज्ञात हो कि पिछले 15 दिनों से अलग-अलग कारणों से रांची की बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित रही है। पहले टीवीएनएल से आपूर्ति कम होने से लोड शेडिंग चला और अब बारिश के बीच तार, खंभे और इंसुलेटर के कारण बिजली की कटौती जारी है।
हॉस्टल और किराये के कमरों में रह रहे विद्यार्थी बताते हैं कि उनके मकान मालिकों और हॉस्टल के प्रभारियों ने अपने हाथ खड़े कर लिए हैं। हॉस्टल वालों का कहना है कि छात्र-छात्राओं को इंवर्टर की सुविधा दी गई है, यदि फिर भी समस्या का निदान नहीं हो सकता है तो प्रबंधन कुछ नहीं कर सकता है। रेंट पर रहे रहे छात्रों की स्थिति और भी बदतर है।
गंभीर हुई समस्या बारिश के कारण शहर में बिजली आपूर्ति लगातार तीसरे दिन प्रभावित रही। पूरे शहर में रुक रुक कर बिजली का आना जाना जारी रहा। दर्जनों स्थानों पर तार टूटने, जंफर खराब होने, इंसुलेटर पंक्चर होने जैसे कारण सामने आए और इस बीच दर्जन भर इलाकों में पांच घटे से अधिक देर तक बिजली गुल रही। शहर के छोटे मुहल्लों में जहां के ट्रांसफार्मर में खराबी होने की घटनाएं सामने आई उन्हें 24 घंटे तक बिजली का इंतजार करना पड़ा, क्योंकि अन्य मिस्त्री बड़ी समस्याओं को दूर करने में लगे हुए थे। इस बीच कोकर, कडरू, लालपुर, अशोक नगर, सुजाता चौक, बरियातू हाउसिंग कॉलोनी में बिजली आपूर्ति को ले कर गंभीर समस्या बनी रही। शहर में बढ़ी इमरजेंसी लाइट की खरीद
बिजली नहीं होने का फायदा इंवर्टर कंपनियों के साथ इमरजेंसी लाइट की दुकानों को भी हुआ है। एक सप्ताह में ही इमरजेंसी लाइट की बिक्री में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। मेन रोड, अपर बाजार सहित अन्य लोकल मार्केट के दुकानदार बताते हैं कि वे रोजाना तीन से चार इमरजेंसी लाइट बेच रहे हैं। खरीदने वाले ज्यादातर छात्र होते हैं। वहीं छात्रों ने भी बिजली नहीं होने पर इमरजेंसी के प्रयोग किया है। वे बताते हैं कि इनवर्टर नहीं होने की स्थिति में वे इमरजेंसी से काम चलाते हैं।