झारखंड के राजनीतिक दलों में यात्राओं की होड़, झामुमो व आजसू के बाद अब भाजपा भी कूदी
झारखंड में राजनीतिक दलों की चुनावी यात्रा का दौर चरम पर है।
रांची। झारखंड में राजनीतिक दलों की चुनावी यात्रा का दौर चरम पर है। झामुमो की संघर्ष यात्रा और आजसू की स्वाभिमान यात्रा के बाद अब सत्ताधारी दल भाजपा भी पदयात्रा कर आम जनमानस के दिल में जगह बनाने में जुट गई है। भाजपा की पदयात्रा की रूपरेखा को बुधवार को अंतिम रूप दिया और इस बाबत पदाधिकारियों की जवाबदेही भी तय कर दी है।
नौ से 25 दिसंबर तक आयोजित इस पदयात्रा में भाजपा के नेता पूरी दमखम के साथ मैदान में उतरेंगे। भाजपा का एजेंडा इस पदयात्रा के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियों को जनता को बताना और उसने सीधा संवाद करता है।
पदयात्रा में सिर्फ भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता ही शामिल नहीं होंगे बल्कि स्थानीय सांसद और विधायक भी अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराएंगे। यात्रा को सफल बनाने के लिए प्रदेश भाजपा ने सभी 81 विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रभारी भी तय कर दिए हैं।
इस यात्रा के दौरान भाजपा कार्यकर्ता राज्य की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लगभग 150 किमी की पदयात्रा करेंगे। पदयात्रा को लेकर भाजपा के संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा और महामंत्री दीपक प्रकाश ने पदाधिकारियों की जवाबदेही तय की है।
इसके लिए बाकायदा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में भाजपा के सभी लोकसभा प्रभारी और विधानसभा प्रभारी उपस्थित रहे। सभी को यात्राओं को सफल बनाने की निर्देश दिया गया है। जाहिर है भाजपा के यात्रा कार्यक्रम से पूर्व झामुमो की संघर्ष यात्रा और आजसू की स्वाभिमान यात्रा हो चुकी है, इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा इन यात्राओं के प्रति बेहद संवेदनशील है।