Move to Jagran APP

रांची में बाबा रामदेव बोले-आहार अच्छा होगा तो स्ट्रक्चर व कैरेक्टर भी अच्छा होगा, हनुमानजी को बताया ब्राह्मण

योग गुरु बाबा रामदेव ने जैविक खेती पर जोर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Dec 2018 06:14 AM (IST)Updated: Sat, 01 Dec 2018 06:14 AM (IST)
रांची में बाबा रामदेव बोले-आहार अच्छा होगा तो स्ट्रक्चर व कैरेक्टर भी अच्छा होगा, हनुमानजी को बताया ब्राह्मण
रांची में बाबा रामदेव बोले-आहार अच्छा होगा तो स्ट्रक्चर व कैरेक्टर भी अच्छा होगा, हनुमानजी को बताया ब्राह्मण

राज्य ब्यूरो, रांची : योग गुरु बाबा रामदेव ने जैविक खेती पर जोर दिया है। ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट के समापन समारोह में बाबा रामदेव ने कहा कि आर्गेनिक खेती से झारखंड के किसानों को समृद्धि मिलेगी और देश को लोगों को अच्छा स्वास्थ्य। आज शुद्ध आहार नहीं मिलने से बीमारी पनप रही हैं, शरीर का स्ट्रक्चर भी खराब हो रहा है। जब तक स्ट्रक्चर और कैरेक्टर अच्छा नहीं होगा तब तक भारत विश्व गुरु नहीं बन सकेगा। उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि भारत 2050 तक विश्व गुरु बनेगा। बाबा रामदेव ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को झारखंड में आर्गेनिक कलस्टर बनाने का सुझाव दिया।

loksabha election banner

बाबा रामदेव ने जैविक खेती और मधुमक्खी पालन के लिए राज्य के किसानों को ट्रेनिंग मुहैया कराने की बात भी कही। कहा, शीघ्र ही पतंजलि झारखंड सरकार के साथ इस बाबत एमओयू करेगी। उन्होंने राज्य में उत्पादित सारा शहर खरीदने और शहद उत्पादन के लिए राज्य में तीन से चार प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की बात भी कही। बाबा रामदेव ने मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा किसानों के हितों के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की। उन्होंने झारखंड की कृषि विकास दर की सराहना की। कहा, 19 प्रतिशत की कृषि विकास दर प्राप्त करने वाला झारखंड ¨हदुस्तान का पहला राज्य है। यह विश्व कीर्तिमान है।

योग दिवस पर तीन दिनों का शिविर लगाएंगे बाबा रामदेव

बाबा रामदेव योग दिवस पर अगले वर्ष तीन दिनों का शिविर रांची में लगाएंगे। एग्रीकल्चर समिट में उन्होंने इसकी घोषणा की। यह भी कहा कि वे इसके लिए एक भी पैसा नहीं लेंगे।

मार्च में आचार्यकुलम का होगा उद्घाटन, अप्रैल से पढ़ाई: रामदेव

जागरण संवाददाता, रांची

बाबा रामदेव ने कहा कि अप्रैल से आचार्यकुलम में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। मार्च में इसका उद्घाटन होगा। एलकेजी से चौथी कक्षा तक पढ़ाई होगी। इसके बाद एक-एक कर हर साल कक्षाएं बढ़ेंगी और इंटर तक होगी। जरूरत होगा तो यहां कॉलेज भी खोलेंगे। देश को सशक्त बनाने की दिशा में शिक्षा जरूरी है। राजनीति के एजेंडे में शिक्षा कहीं नहीं है, लेकिन हमारे एजेंडे में शिक्षा पहली प्राथमिकता है। शिक्षा ही नींव है। बाबा रामदेव ने चैंबर भवन में पत्रकारों से बात करते हुए आचार्यकुलम की विशेषता के बारे में कहा कि यहां ¨हदी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषाओं में पढ़ाई होगी। सुबह योग से लेकर खेल तक की कक्षाएं होंगी। पढ़ाई के साथ खेल भी। मिट्टी में भी बच्चों को खेलने को मिलेगा। फीस के बाबत उन्होंने कहा कि फीस कम होगी, हमारा उद्देश्य कमाई का नहीं है। उन्होंने बताया कि छोटे बच्चे दस घंटे और बड़े बच्चे 12 घंटे समय देंगे। बच्चे घर केवल सोने जाएंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वे पांच साल के अंदर गुरुग्राम व फरीदाबाद के बीच एक हजार एकड़ में दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय खोलेंगे, जहां दुनिया की 50 भाषाओं की भी पढ़ाई होगी। बाबा रामदेव ने कहा कि देश को 2050 तक भारत को विश्व में सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बना देना है। आर्थिक क्षेत्र, राजनीति क्षेत्र, आध्यात्मिक क्षेत्र से लेकर वैज्ञानिक क्षेत्र में।

हनुमान दलित नहीं ब्राह्माण :

हनुमान के दलित होने के सवाल पर बाबा ने दो टूक कहा कि वे चारों वेदों के ज्ञाता थे। इसलिए हनुमान ब्राह्माण थे। उन्होंने क्षत्रिय धर्म का भी पालन किया। हालांकि बाबा राजनीतिक सवालों से बचते नजर आए। प्रेसवार्ता में चैंबर अध्यक्ष दीपक मारू, पतंजलि के मीडिया प्रभारी ईश्वर चंद्र, संजय सिंह, सुधा आदि मौजूद थीं।

किसान वोट बैंक नहीं :

किसानों के प्रदर्शन के सवाल पर कहा कि किसान देश की आत्मा हैं। मैं किसान का बेटा हूं। किसानों की जो भी जायज मांगे हैं, उन्हें मोदी सरकार को माननी चाहिए। सरकार को ऐसी पहल करनी चाहिए कि किसानों को आंदोलन की जरूरत ही न पडे़।

मैकाले की शिक्षा पद्धति बंद होनी चाहिए :

बाबा रामदेव ने कहा कि आज भी अपने देश में मैकाले की शिक्षा पद्धति बदलनी चाहिए। भारत में भारतीय शिक्षा बोर्ड बननी चाहिए। इसके लिए मोदीजी, अमित शाह और प्रकाश जावड़ेकर से बात हुई है। उन्होंने आश्वास दिया है कि जल्द ही भारतीय शिक्षा बोर्ड बनेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.