मंत्री सरयू राय के निशाने पर फिर महाधिवक्ता-बोले,जज बनने की योग्यता नहीं, कैसे बन गए महाधिवक्ता
खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने महाधिवक्ता (एजी) पर फिर निशाना साधा है।
रांची। खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने महाधिवक्ता (एजी) अजीत कुमार की नियुक्ति को चुनौती दी है। बुधवार को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब मंत्री ने संविधान के हवाले से कहा कि जो हाईकोर्ट का जज बनने की योग्यता रखते हैं, वही महाधिवक्ता बनने की पात्रता रखते हैं।
जब सुप्रीम कोर्ट ने उनका नाम वापस कर दिया था, फिर वे एजी कैसे बन गए। अवैध खनन मामले को लेकर उत्पन्न विवाद पर उन्होंने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट को भ्रम में रखा गया है। एजी ने अपने पद का दुरुपयोग किया है।
इस मामले में मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उनसे कहा है कि खान विभाग के पूर्व और वर्तमान सचिव के बयानों को देखते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच एक सदस्यीय न्यायिक आयोग से कराई जाए।
मंत्री ने इससे पूर्व राज्यपाल से मुलाकात की। रूल्स ऑफ एग्जक्यूटिव बिजनेस का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सभी विभागों का यह दायित्व है कि राज्यपाल से समय-समय पर मिलकर अपने विभागों की उपलब्धियां और परेशानियां बताएं। वे महीने-डेढ़ महीने में इसका अनुपालन करते हैं। यह भेंट उसी की कड़ी थी।
इस दौरान राज्यपाल से किसानों को धान क्रय के एवज में समर्थन मूल्य के अलावा बतौर बोनस प्रति क्विंटल 200 रुपये दिए जाने के प्रस्ताव की जानकारी दी गई। कहा गया कि इसपर बहुत बड़ी राशि खर्च न होकर महज चार-पांच करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मंत्री ने पारा शिक्षकों की हड़ताल को लेकर उत्पन्न ऊहापोह पर भी राज्यपाल से हुए विमर्श की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मसले पर पिछले दिनों मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव तथा शिक्षा सचिव के साथ हुई वार्ता की जानकारी राज्यपाल को दी गई। उन्हें बताया गया कि मुख्य सचिव ने इस मसले पर मुख्यमंत्री से वार्ता करने की बात कही है। उनका मत है कि बातें पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर हो। सरकार पारा शिक्षक और पारा शिक्षक सरकार की मजबूरियां समझें।