नई दिल्ली में गुम हो रहीं राजधानी की एसी टू बोगियां, बदले में आ रहीं एसी थ्री-महकमा हैरान
पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी के कारण रांची आने वाली राजधानी एक्सप्रेस के डिब्बों में हेराफेरी हो रही है। नई दिल्ली से आने वाली राजधानी एक्सप्रेस में एसी टू बोगियां नहीं लग पाती हैं।
रांची, शक्ति सिंह। पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम में तकनीकी या सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी के कारण रांची आने वाली राजधानी एक्सप्रेस के डिब्बों में हेराफेरी हो रही है। इस गड़बड़ी के कारण सिस्टम खुद ब खुद एसी टू बोगियों की संख्या को गाड़ी वापसी के क्रम में बढ़ाकर टिकट काट रहा है। पांच की जगह छह बोगियों के टिकट काट देने से यात्रियों को परेशानी हो रही है।
इससे निपटने के लिए रांची रेलवे ने यहां एसी टू बोगियों की संख्या बढ़ाई है, लेकिन दिल्ली से वापसी में जहां उन गाड़ियों की बोगियों को हर दिन कम कर वापस भेजा जाने लगा है। वहीं टिकट काटने की प्रक्रिया में भी कोई सुधार नहीं हुआ। रांची रेल मंडल बोगियों के हिसाब-किताब के इस गड़बड़झाले में एक हफ्ते से उलझा है। अमूमन जो ट्रेन जिस रूप में आती है, उसी रूप में जाती भी है।
यानी ट्रेन में एसी वन, एसी टू और एसी-थ्री की बोगियां हैं, तो लौटते वक्त भी इन बोगियों का स्वरूप और इनकी संख्या समान होगी। इससे इतर नॉर्दन रेलवे या फिर पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम में गड़बड़ी के कारण रांची आने वाली राजधानी एक्सप्रेस के डिब्बों में हेराफेरी हो रही है।
दिल्ली से रांची आने वाली 12454 राजधानी एक्सप्रेस में एसी वन-1, एसी टू -5 और एसी-3 में 11 डिब्बे होते हैं। दिल्ली लौटते वक्त इनकी संख्या पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम के हिसाब से एसी टू की एक बोगी अधिक हो जाती है और एसी थ्री की एक बोगी घट जाती है। इस वजह से 12453 राजधानी एक्सप्रेस में एसी वन-1, एसी टू -6 और एसी-3 की 10 बोगी हो जाती है।
ऐसे में रांची से गाड़ी भेजने के क्रम में एसी टू की बोगियों की संख्या में बढ़ोतरी कर छह करनी पड़ती है, तब जाकर यात्रियों को जगह मिलती है। वहीं दिल्ली जाने के बाद नॉर्दन रेलवे एसी-टू की बोगी काटकर एक एसी थ्री की बोगी जोड़कर वापस रांची भेज देता है। पिछले पांच दिनों से बोगियों की संख्या बढ़ोतरी की जा रही है। लेकिन, दो दिनों से यात्रियों की संख्या कम होने से बोगियों के बदलने की नौबत नहीं आ रही है।
बाद में जैसे ही यात्रियों की भीड़ बढ़ेगी, रांची रेल मंडल को गाड़ियों में एसी टू कोच की संख्या में बढ़ोतरी करनी पड़ेगी। अगर समय रहते इस बारे में नहीं सोचा गया तो अचानक दिक्कत आ सकती है। एसी टू का टिकट कटाने वाले यात्री जहां एसी थ्री में सफर नहीं करना पसंद करेंगे, वहीं कई अन्य तकनीकी दिक्कतें भी आएंगी। हालांकि, मामला रांची रेल मंडल ने अपने मुख्यालय तक भेजा है, ताकि मामले का निष्पादन हो सके।
मामला गंभीर : इस मामले को मंडल हल्के में नहीं लेगा। जरूरत पड़ने पर मुख्यालय को भी इससे सूचित किया जाएगा। जल्द ही इसका हल निकालने की दिशा में सार्थक कोशिश होगी। नीरज कुमार सीपीआरओ, रांची रेल मंडल