कोयला कारोबारी की हत्या के लिए दी गई थी 12 हजार की सुपारी
नगड़ी में आतंक का पर्याय बन रहे चार अपराधियों को पुलिस ने पकड़ा है। इन अपराधियों ने पूछताछ के दौरान 10 कांडों का खुलासा किया है।
रांची, जासं। राजधानी के नगड़ी इलाके में आतंक का पर्याय बन रहे चार अपराधियों को पुलिस ने दबोच लिया है। इनकी गिरफ्तारी के साथ ही 10 बड़े कांडों का खुलासा हो गया है। चर्चित रहे कोयला कारोबारी शरीफ खानी उर्फ बाबू की हत्याकांड सहित तीन हत्याकांड व पांच लूटकांडों की गुत्थी भी सुलझा ली गई है। इसी कड़ी में खुलासा हुआ है कि बाबू की हत्या महज 12 हजार रुपये की सुपारी लेकर की गई है।
इसका मास्टरमाइंड पुलिस गिरफ्त से दूर है। गिरफ्तार आरोपितों में सुखदेव नगर क्षेत्र के मधुकम निवासी विशाल शर्मा, अमर धनवार, नरकोपी के तुतुलो गांव निवासी राजकुमार उरांव और नगड़ी के बसीला निवासी शकील उर्फ बुल्लू शामिल है।
ग्रामीण एसपी आशुतोष शेखर ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि पकड़े गए चारों आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि 30 अक्टूबर की देर रात नगड़ी थाना क्षेत्र के पिस्का रेलवे स्टेशन के पास के रहने वाले बाबू पर गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। हत्या का मास्टरमाइंड बताए जा रहे पुनई उरांव ने इन्हें सुपारी की रकम दी थी। वह फिलहाल फरार है। पुनई को भी किसी ने बाबू की हत्या के लिए सुपारी दी थी।
नगड़ी इलाके में हुई हर बड़ी वारदात में इन्हीं अपराधियों और इनके गिरोह से जुड़े अपराधियों का हाथ बताया जा रहा है। इनके गिरोह के देवनारायण मुंडा और रोपणा की भूमिका की भी जांच चल रही है। दोनों फिलहाल जेल में बंद हैं।
ये हुई बरामदगी : दो कट्टा, एक देशी सिक्सर, प्वाइंट 315 बोर की तीन गोलियां, 7.65 बोर की तीन गोलियां, चोरी की दो मोटरसाइकिल, लूटा गए दो मोबाइल।
रैक साइडिंग के विवाद में हत्या : पुलिस सूत्रों की मानें तो बाबू खान की हत्या रैक साइडिंग के विवाद में हुई थी। हालांकि इसकी अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है। हत्या की सुपारी देने वाले की पहचान के लिए पुलिस लगातार मामले की जांच में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि एक दूसरा गिरोह नगड़ी में कोयले के कारोबार में अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता था। इसमें बाबू खान आड़े आ रहा था।
इसी वजह से सुपारी देकर उसकी हत्या करवा दी गई। ऐसे हुई थी घटना बाबू खान को उसके कुछ परिचितों ने मंगलवार की रात जुआ खेलने के लिए नारो पंचायत भवन बुलाया था। पंचायत भवन के पास पहले से घात लगाए अपराधियों ने बाबू खान को गोलियों से छलनी कर दिया था। मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी।
छापेमारी दल में ये थे शामिल : डीएसपी विजय कुमार सिंह, नगड़ी थानेदार रामनारायण सिंह, दारोगा चंदेश्वरी प्रसाद, दारोगा सुनील कुमार सिंह, जमादार अजेंद्र कुमार सिंह, लवकुश कुमार, सुकरा उरांव, जुलियन डांग, भूषण खलखो सहित अन्य शामिल थे।
डबल मर्डर में भी रहे हैं शामिल : पकड़े गए चारों अपराधी बीते 21 जनवरी 2018 की रात हुई उमेश गंझू और शमशाद की हत्या में शामिल थे। उनकी हत्या के लिए भी इन्हें सुपारी मिली थी। सुपारी की रकम मिलने के बाद दोनों को उमेश के फार्म हाउस के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस डबल मर्डर की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए चुनौती बन रही थी। बताया जाता है कि पकड़े जाने के बाद अपराधियों ने इस मामले में संलिप्तता स्वीकार कर ली है।
इन कांडों में शामिल रहे हैं पकड़े गए अपराधी : - 26 अक्टूबर को नगड़ी के कतरपा में एफसीआइ गोदाम के मैेनजर से लूटपाट करने में पकड़े गए राजकुमार विशाल और शकील शामिल थे। - 25 अगस्त को ललगुटवा में रौशन मिर्धा की हत्या। - 13 अगस्त को पुंदाग रोड के पास एक सैनिक से पल्सर बाइक और मोटरसाइकिल की लूट। -19 मार्च को ललगुटवा पुल के पास दो लड़कों से डीएसएलआर कैमरे की लूट। - दिसंबर 2017 में लालगुटुवा से पुंदाग जाने वाली रास्ते फॉरेस्ट विभाग के बाउंड्री के पास हथियार के बल स्कूटी की लूट। - बेड़ो में 35 हजार की लूट - ओरमांझी के दो क्रशरों में आगजनी। - 14 दिसंबर को दलादली कटहल मोड़ वाले रास्ते में राजू कुमार पांडे से मोटरसाइकिल, रुपये और गुटखा की लूटपाट।