रिसालदार बाबा की मजार पर विभिन्न धर्मो के लोगों ने मांगी मन्नत
रिसालदार बाबा की मजार के सालाना उर्स के समापन के अवसर पर विभिन्न धर्मो के हजारों लोगों ने मजार पर माथा टेका। दूसरे राज्यों से आए कव्वालों ने संगीतमय कार्यक्रम से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जागरण संवाददाता, रांची : हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार बाबा के मजार पर उर्स के अंतिम दिन सोमवार को अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी। अब तक तकरीबन 40 से 50 हजार लोगों ने बाबा की दरगाह पर माथा टेका। लोगों का सुबह से ही मजार पर आने का सिलसिला शुरू हो गया था।
नमाज के बाद मजार शरीफ में कुरानखानी का आयोजन किया गया। दावत का आयोजन किया गया, जहां लोग देर रात तक भोजन करते रहे। असर की नमाज के बाद बाबा के मजार पर मिलाद शरीफ का आयोजन किया गया।
तत्पश्चात रिसालदार बाबा की रूहेपाक को पंचसूरहा पड़कर बख्शा गया। रात 10 बजे से कव्वाली मुकाबला का आयोजन किया गया। रात भर चले इस मुकाबले में दिल्ली के मुम्बई के कव्वाल अनीस नवाब और अजीम नाजा ने बाबा की शान में कलाम पेशकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
उर्स मेले को सफल बनाने में सदर हाजी रऊफ गद्दी, महासचिव मो फारूक, पार्षद नसीम गद्दी, बब्लू पंडित, उपाध्यक्ष हाजी जाकिर हुसैन, मोहम्मद इरफान खान उर्फ पप्पू , हाजी मुख्तार कुरेशी, कोषाध्यक्ष मो. वसीम, शराफत हुसैन, सरफराज गद्दी, मो. इकबाल राइन, मो. मंजूर हबीबी, मो रिजवान, मो. कलीम गद्दी, मो जैनुल आबिदीन, मो अली अहमद समेत अन्य मौजूद थे।
रेशमी चादरों से पट गई बाबा की मजार : हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार बाबा रहमतुल्लाह अलैह का आस्ताना रंग-बिरंगी चादरों से भर गया। अकीदतमंदों ने बाबा की मजार पर रेशमी से लेकर अन्य बेशकिमती चादरें चढ़ाई। मजार पर हर छोटे-बड़े संगठन व कमेटी के लोग अपनी हैसियत के अनुसार चादर चढ़ाने आए।
आज मजार पर चादरपोशी का सिलसिला सुबह से देर रात तक जारी रहा। बताया जाता है कि पाच दिनी उर्स के दौरान अब तक हजारों की संख्या में लोगों ने बाबा की दरगाह पर चादरपोशी की।
मुंबई के मशहूर कव्वाल अजीम नाजा और अनीस नवाब के बीच देर रात तक मुकाबला चलता रहा। लोगों ने कलाकारों की हौसलाहफजाई की।