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ओरमांझी चिड़िया घर में शेर, बाघ, चीता के लिए लगे हीटर

ओरमांझी के चिड़िया घर मे जू प्रशासन ने जानवरों को ठंड न लगे इसके लिए सभी पिंजड़ों में हीटर की व्यवस्था की है। प्रतिवर्ष जू में ऐसी व्यवस्था की जाती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 06:52 AM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 06:52 AM (IST)
ओरमांझी चिड़िया घर में शेर, बाघ, चीता के लिए लगे हीटर

प्रमोद सिंह, ओरमांझी :

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ठंड अपना असर दिखाने लगा है। इसे देखते हुए बिरसा जू प्रबंधन ने जानवरों को ठंड से बचाने के लिए व्यवस्था की है। बाघ, शेर व चीता के केजों को सामने से चट से घेर दिया गया है।

वहीं केज के अंदर पटरा रखकर उसपर पुआल डाल दिया गया है। इसके बाद हीटर लगा दिया गया है। हीटर अभी प्रतिदिन चालू नहीं किया जा रहा है। जिस दिन ठंड ज्यादा होती है, तब हीटर चालू कर दिया जाता है।

उधर हाथी के केज में अलाव की व्यवस्था की गई है। सूखी लकड़ी जमा करके रखी गई है। ठंड ज्यादा पड़ने पर अलाव जलाया जाता है। भालू के केजों में हालांकि, हीटर की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन रख दिया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर स्वीच ऑन किया जा सके।

सभी पशु-पक्षी अपने-अपने नर्सरी में गुनगुने धूप का आनंद भी उठा रहे हैं। भालू, बंदर, बाध, हिरण, चीता सहित सभी पशु-पक्षियों को घूप में उछलते-कूदते देखकर दर्शकों को भी मजा आ रहा है।

जानवरों के खान-पान में बदलाव :ठंड पड़ते ही जानवरों के खान-पान व रहन-सहन में भी बदलाव कर दिया गया है। घूप निकलने के बाद जानवरों को उसकी नर्सरी में निकाला जा रहा है, वहीं सूर्यास्त से पहले ही केज के अंदर कर दिया जाता है।

उद्यान के चिकित्सक डॉ. अजय कुमार ने बताया कि गर्मी के मौसम में कैट प्रजाति के जानवरों का खाना कम कर दिया गया था, सो अब बढ़ा दिया गया है। शाकाहारी जानवरों में भी बदलाव किया गया है। हाथी को खीरा नहीं दिया जा रहा है। उसके बदले ईख दी जा रही है। साथ ही अक्टूबर से ही महुआ दिया जा रहा है। सप्ताह में एक बार उसके सर पर सरसों तेल की मालिश भी की जा रही है।

खीरा-तरबूज बंद, गाजर की खुराक बढ़ी : बंदर व अन्य शाकाहारी जानवरों का खीरा-तरबूज बंद कर दिया गया है। उसकी जगह पर गाजर दिया जा रहा है। पक्षियों को उनके आहार में उबला हुआ अंडा मसल कर दिया जा रहा है, ताकि ठंड का असर न हो। साथ ही अलग से मल्टी विटामिन भी दिया जा रहा है, ताकि ठंड का असर न हो। साथ ही पक्षियों को सप्ताह में दो दिन एंटी वायरल की दवा दी जा रही है, ताकि बर्ड फ्लू से बचा रहे, क्योंकि ठंड में पक्षियों में बर्ड फ्लू का खतरा रहता है।

स्नैक हाउस दर्शकों के लिए बंद, गए हर्बीनेशन पीरियड में : अब फरवरी के मध्य तक दर्शकों को स्नैक हाउस में नागराज का दर्शन नहीं हो सकेगा। ठंड को देखते हुए जू प्रबंधन ने स्नैक हाउस दर्शकों के लिए बंद कर दिया है। स्नैक हाउस में सापों के सभी केबिनों में कंबल, गद्दा व रूम हीटर लग गया है। स्नैक हाउस के प्रत्येक केबिन में पीछे से रूम हीटर, अंदर में पुआल का गद्दा, कंबल व पीले बल्ब की रोशनी से गर्मी पहुंचाई जा रही है, ताकि साप पर ठंड का असर न हो। उद्यान प्रबंधन द्वारा साप के केज में यह व्यवस्था की गई है। वहा 17 प्रजाति के साप हैं।

क्या कहते हैं जू के चिकित्सक : बिरसा जैविक उद्यान के चिकित्सक डॉ. अजय कुमार ने बताया कि पशु-पक्षियों को मिनरल्स तथा हाथी को महुआ व अन्य चीज देना अक्टूबर से ही आरंभ कर दिया गया है, ताकि उन सभी की प्रतिरोधक क्षमता ठंड में बना रहे। प्रत्येक दिन सुबह-शाम सभी जानवरों पर नजर रखी जा रही है।


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