गोवा फिल्म फेस्टिवल : दुनिया ने झारखंड को जाना, सात फिल्मों ने बांधा समां
गोवा फिल्म फेस्टिवल में इस बार झारखंड को फोकस स्टेट का दर्जा मिला है। यहां एमएसडी द अनटोल्ड स्टोरी, बेगम जान, ए डेथ इन द गंज, पंचलेट, मोर गांव मोर देश, रांची डायरी तथा अजब सिंह की गजब कहानी आदि फिल्में दिखाई गईं।
रांची, राज्य ब्यूरो। सूचना एवं प्रसारण सचिव अमित खरे ने कहा है कि गोवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में फोकस स्टेट बनना झारखंड जैसे नवोदित राज्य के लिए सम्मान की बात है। इससे रोजगार के साथ ही पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय मंच से झारखंड में बनी फिल्मों के प्रदर्शन से अच्छा संदेश गया है।
दुनियाभर के लोगों को यह जानने और समझने का मौका मिला है कि झारखंड की धरती कितनी ऊर्वरा है। यह राज्य सिर्फ आयरन और कोयला उत्पादन के क्षेत्र में ही अव्वल नहीं है, कला संस्कृति के क्षेत्र में भी इसका हस्तक्षेप है। आनेवाले दिनों में खनिज उत्पादन की तरह फिल्म उद्योग के क्षेत्र में भी झारखंड लीडर की भूमिका में होगा।
अमित खरे ने बताया कि अविभाजित बिहार के हिस्से के रूप में झारखंड के लोकेशन सत्यजीत रे और ऋत्विक घटक समेत महान फिल्म निर्माताओं के पसंदीदा जगह थे। इनके द्वारा यहां के लोकेशन को सेलुलॉयड पर कई बार उतारा गया। गोवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में शनिवार को झारखंड दिवस का शुभारंभ गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने किया।
इस मौके पर एमएसडी द अनटोल्ड स्टोरी, बेगम जान, ए डेथ इन द गंज, पंचलेट, मोर गांव मोर देश, रांची डायरी तथा अजब सिंह की गजब कहानी समेत झारखंड में बनी सात फिल्में प्रदर्शित की गई।अमित खरे ने कहा कि राज्य सरकार की फिल्म नीति अपनी खोई हुई महिमा को वापस लाने में कारगर साबित होगी। झारखंड में फिल्म निर्माण करना हर दृष्टिकोण से फायदेमंद है।
एकतरफ राज्य में विदेशों से भी खूबसूरत लोकेशन हैं, वहीं फिल्मकारों के लिए इंसेंटिव की भी व्यवस्था है। यहां की फिल्म नीति सिनेमा उद्योग के लिए सहायक है। शायद इसी वजह से पिछले कुछ सालों से झारखंड में फिल्म निर्माण की गतिविधियां तेज हुई हैं। झारखंड के मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, पर्यटन सचिव राहुल शर्मा और सूचना जनसंपर्क सचिव सुनील वर्णवाल भी मौके पर मौजूद थे।