रांची के भीड़-भाड़ वाले अपर बाजार में कपड़ा दुकान में लगी भीषण आग
रांची के अपर बाजार के श्रद्धानंद रोड स्थित डीडी टेक्सटाइल भवन के तीसरे तल्ले पर आग लग गई। भीषण आग में 30 लाख के कपड़े जल कर खाक हो गए। दिनभर में अगलगी की यह दूसरी घटना हुई।
जागरण संवाददाता, रांची : अपर बाजार के श्रद्धानंद रोड स्थित डीडी टेक्सटाइल भवन के तीसरे तल्ले पर स्थित कपड़े की दुकान में भीषण आग लग गई। घटना सोमवार शाम करीब छह बजे की है। आग की चपेट में तीसरा और चौथे तल्ले आ गया। यहां कपड़ा गोदाम में रखे कपड़े जलकर खाक हो गए। बताया जा रहा है कि करीब 30 लाख के कपड़े जल गए हैं।
अगलगी के दौरान वहां अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलने के बाद कोतवाली इंक्पेक्टर श्यामानंद मंडल पहुंचे और अग्निशमन विभाग को सूचना दी। दमकल के सात वाहन मौके पर पहुंचे और आग पर काबू करने की कोशिश की। करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रात नौ बजे आग पर नियंत्रण किया गया। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। कोतवाली पुलिस मामले की जाच में जुट गई है। थान में चिंगारी से लगी आग, फिर जला पूरा गोदाम : कपड़ा दुकान के कर्मियों के अनुसार डीडी टेक्सटाइल के मालिक सुरेश मीढा और बीणू मीढा के कपड़े का गोदाम उसी भवन के तीसरे और चौथे तल पर है। तीसरे तल पर स्थित गोदाम में शॉट सर्किट हुआ था। इससे आग की चिंगारी कपड़े की एक थान में लगी। देखते ही देखते सभी कपड़े की थान जलने लगी। इसका धुंआ नीचे तल पर स्थित प्रतिष्ठान में पहुंचा और अफरातफरी मच गई। जान बचाने के लिए सभी लोग दुकान से बाहर निकल आए। आग की लपटें इतनी तेज थी कि चौथे तल तक पहुंच गई। चौथे तल पर स्थित गोदाम में रखे कपड़े को अपने चपेट में ले लिया। आग के विकराल रूप को देखकर किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। आनन-फानन स्थानीय लोगों ने कोतवाली पुलिस और अग्निशमन विभाग को सूचना दी।
स्वयंसेवकों ने लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला : कपड़े दुकान में आग लगने की सूचना मिलते ही आरएसएस के स्वयंसेवक पहुंचे और लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की। स्वयंसेवकों ने आग बुझाने में भी मदद की।
धुएं की घुटन से एक कर्मी हुआ बेहोश : अगलगी के दौरान धुंए का गुबार इस तरह फैला था कि लोगों का दम घुटने लगा। कपड़ा दुकान का एक कर्मचारी आग बुझाने के लिए तीसरे तल पर पहुंचा। लेकिन धुआं इतना अधिक था कि वह तीसरे तल की सीढि़यों पर ही बेहोश होकर गिर गया। दमकल कर्मियों की मदद से उसे बाहर लाया गया। इसके बाद अस्पताल भेजा गया।