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दीपावली पर विधि-विधान से करें लक्ष्मी का स्वागत, जानिए-कब करें पूजन

दीपावली के दिन मंगलमूर्ति गणोशजी एवं माता महालक्ष्मी व कुबेर आदि देवता के विधिवत आवाहन व पूजन करने का विधान है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 03:23 PM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 08:09 AM (IST)
दीपावली पर विधि-विधान से करें लक्ष्मी का स्वागत, जानिए-कब करें पूजन

रांची, जेएनएन। हिंदुओं का प्रमुख पर्व दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाएगी। कार्तिक अमावस्या के महानिशा काल में ही महाकाली की भी पूजा होगी। काशी पंचांग के अनुसार इस बार कार्तिक मास की अमावस्या मंगलवार छह नवंबर को रात्रि 10:06 बजे से शुरु होकर बुधवार सात नवंबर को रात्रि में 9:19 बजे तक रहेगी। इस प्रकार महाकाली पूजन मंगलवार छह नवंबर को तथा दीपावली व लक्ष्मी पूजन बुधवार सात नवंबर को करना शास्त्र सम्मत है। दीपावली के दिन मंगलमूर्ति गणोशजी एवं माता महालक्ष्मी व कुबेर आदि देवता के विधिवत आवाहन व पूजन करने का विधान है। माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा साल भर बरसती है।

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जानिए, कब करें पूजन

दिवाली पूजन में चौघड़िया व स्थिर लग्न मुहूर्त का विशेष महत्व है। झारखंड के स्थानीय समयानुसार लक्ष्मी पूजन के मुहूर्त निम्नांकित हैं। दिवाली पूजन में चौघड़िया व स्थिर लग्न मुहूर्त का विशेष महत्व है। झारखंड के स्थानीय समयानुसार लक्ष्मी पूजन के मुहूर्त निम्नांकित हैं।

पूजन हेतु चौघड़िया मुहूर्त

लाभ-प्रात: 5:57 से प्रात: 7:20 बजे तक।

अमृत-प्रात: 7:21 से दिवा 8:43 बजे तक।

शुभ-दिवा 10:05 से दिवा 11:28 बजे तक।

लाभ-दिवा 3:36 से संध्या 4:58 बजे तक।

शुभ- संध्या 6:36 से रात्रि 8:13 बजे तक।

अमृत-रात्रि 8:14 से रात्रि 9:51 बजे तक।

लाभ- रात्रि 2:43 से शेष रात्रि 4:20 बजे तक।

उत्तम स्थिर लग्न मुहूर्त:

वृश्चिक: प्रात: 6:41 से दिवा 9:01 बजे तक।

कुंभ: दिवा 12:49 से दिवा 2:19 बजे तक।

वृष: संध्या 5:30 से रात्रि 7:30 बजे तक।

सिंह: रात्रि 11:58 से रात्रि 2:11 बजे तक।

सायं कालीन व प्रदोष कालीन मुहूर्त:

सायं 4:58 बजे से रात्रि 7:35 बजे तक।

निशीथ कालीन मुहूर्त:

रात्रि 11:02 बजे से रात्रि 11:55 बजे तक।

अन्नकूट व गोवर्धन पूजा आठ को

अन्नकूट व गोवर्धन पूजा आठ नवंबर गुरुवार को तथा भैया दूज, यम द्वितीया एवं चित्रगुप्त पूजा 9 नवंबर शुक्रवार को मनाया जाएगा। भैया दूज के दिन भाई को तिलक राहु काल में न करें। राहु काल दिवा 10:30 से मध्याह्न् 12:00 बजे तक। दिवाली सभी के लिए सुख समृद्धिप्रद व कल्याणकारी रहे। ।। शुभमस्तु ।।

-पंडित रमाशंकर तिवारी, ज्योतिषाचार्य।


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