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सभी साक्ष्य के बाद भी राम मंदिर पर सिर्फ तारीख पर तारीख

हिंदू जागरण मंच के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ने आरोप लगाया कि देश में हिंदुओं संग धार्मिक पक्षपात हो रहा है। कोर्ट में हिंदुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 03:52 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 03:52 PM (IST)
सभी साक्ष्य के बाद भी राम मंदिर पर सिर्फ तारीख पर तारीख
सभी साक्ष्य के बाद भी राम मंदिर पर सिर्फ तारीख पर तारीख

रांची, जासं। हिंदू जागरण मंच के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ. सुमन कुमार कहा कि जिस तरह काबा, वेटिकन और स्वर्ण मंदिर का स्थान बदला नहीं जा सकता है उसी तरह अयोध्या में रामजन्मभूमि स्थान को भी बदला नहीं जा सकता है। खोदाई में मिले सभी साक्ष्य के बाद भी अयोध्या में अब तक राम मंदिर का न बनना अत्यंत ही दुर्भाग्य व धार्मिक पक्षपात है। कोर्ट में भी सिर्फ तारीख पर तारीख मिल रही है।

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लोगों को इस बार आशा थी कि फैसला जल्द आएगा, परंतु सिर्फ तारीख मिली। देश की बहुसंख्यक हिंदू समाज सिर्फ एक ही सवाल का जवाब जानना चाहती है, यदि दुर्दांत आतंकवादियों के लिए आधी रात को सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खुलकर रातभर में सुप्रीम कोर्ट फैसला दे सकती है तो फिर राममंदिर के लिए तारीख पर तारीख क्यों? सुमन कुमार ने कहा कि, न्यायालय की पवित्रता पर कोई टिप्पणी नहीं। उनके निर्णय पर सभी को विश्वास है, परंतु राममंदिर पर सुनवाई में हो रही देरी पर प्रश्न उठना लाजमी ही हैं।

झारखंड सरकार ने किया सराहनीय काम : सुमन ने कहा कि झारखंड सहित पूरे देश में सभी धर्म एवं समुदाय के लोग रहते हैं, लेकिन देश को अपना मानकर, देश को बनाने एवं संवारने की चिंता किसे है? ईसाई समाज देश को इसाइलैंड बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय षडयंत्रों के तहत विदेशी फंडिंग के माध्यम से धर्म के नाम पर गोरखधंधा में लिप्त हैं। परंतु केंद्र सरकार ने जिस तरह से विदेशी फंडिंग पर रोक लगा दी और झारखंड सरकार ने धर्मांतरण कानून पास कर दिया, इससे ईसाई मिशनरियां बौखलाई हुई हैं। राज्य सरकार के प्रयास से झारखंड में धर्मांतरण में कमी आई है।

सबरीमाला फैसला आस्था के खिलाफ : सुमन कुमार ने कहा कि सबरीमाला प्रकरण पर कोर्ट का फैसला पूरी तरह अस्वीकार्य है। भारत में आस्था व विश्वास समाज के आधार रहे हैं। इसपर दखलंदाजी समाज नहीं सहेगा। सबरीमाला मुद्दे पर हम महिला विरोधी बिल्कुल भी नहीं वरन ऐतिहासिक परंपरा व परिपाटी नष्ट होने के हम खिलाफ हैं और केरल की स्त्री वर्ग हमारे पक्ष में है।


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