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सरकार नहीं सर्कस, राज्यपाल कान पकड़कर हटाएं : हेमंत सोरेन

झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संघर्ष यात्रा के दौरान भाजपा सरकार और मुख्‍यमंत्री रघुवर दास पर निशाना साधा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 01:45 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 01:45 PM (IST)
सरकार नहीं सर्कस, राज्यपाल कान पकड़कर हटाएं : हेमंत सोरेन
सरकार नहीं सर्कस, राज्यपाल कान पकड़कर हटाएं : हेमंत सोरेन

रांची, जेएनएन। संघर्ष यात्रा पर निकले नेता प्रतिपक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बोल सरकार पर लगातार तीखे होते जा रहे हैं। मंगलवार को सिमडेगा के नगर भवन में उन्होंने राज्य में विधि-व्यवस्था का सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा। कहा, राज्य में सरकार नहीं सर्कस चल रहा है, जहां कानून व्यवस्था के साथ-साथ सूबे की पूरी स्थिति चरमराई हुई है।

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राज्य में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं, उनकी हत्या हो रही है, उन्हें जेल भेजा जा रहा है। राज्य में ऐसी सरकार है, जो राज्यपाल के सुझाव को भी नहीं मानती। राज्यपाल को चाहिए वह ऐसी सरकार का कान पकड़कर बर्खास्त करें। हेमंत ने कहा कि झारखंड सरकार की जनविरोधियों नीतियों को उजागर करने के लिए संघर्ष यात्रा की शुरुआत की गई है।

बहुमत वाली भाजपा सरकार आदिवासी-मूलवासियों के विरोध में काम कर रही है। सीएनटी-एसपीटी एक्ट को बदलने का असफल प्रयास किया गया। मानकी-मुंडा की पारंपरिक व्यवस्था को बहाल नहीं किया गया। सौ वर्ष पहले की जमाबंदी को सरकार रद कर रही है। कई सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है, अल्पसंख्यक को प्रताडि़त किया जा रहा है।

गलत कानून-गलत इरादा : हेमंत ने कहा, सरकार ऐसा कानून लाई है जिसके मुताबिक कौन क्या खाएगा, कौन धर्म अपनाएगा, किससे शादी करेगा, कितने संतान रखेगा, इसके लिए दबाव बनाया जा रहा है। मानव तस्करी के चपेट में आकर महिलाएं-बच्चियां शोषित हो रही हैं। सरकार अपने कर्मियों का भी हक मारते हुए उन्हें अल्प मानदेय दे रही है। कम मेहनताना देना कानूनन अपराध भी है। अस्पताल की स्थिति दयनीय है। जहां इलाज व दवा के अभाव में तड़प-तड़पकर मरीज की मौत हो रही है। सरकार को तो नैतिकता के आधार पर भी इस्तीफा दे देनी चाहिए।

सरकार दबा रही लोगों की आवाज : हेमंत ने कहा राज्य सरकार पुलिस का इस्तेमाल कर लोगों की आवाज व जन आंदोलन को दबा रही है, बेगुनाहों पर गोलियां बरसाई जाती है। कहा कि यह संघर्ष यात्रा भूख से संघर्ष की यात्रा है, जल-जंगल -जमीन की सुरक्षा, भावी पीढ़ी व महिलाएं शिक्षित व सुरक्षित हो, इसके लिए संघर्ष यात्रा है।

उन्होंने जिले की खिलाड़ी सलीमा टेटे की प्रशंसा करते हुए कहा कि कम सुविधा के बावजूद यहां के खिलाड़ी जब बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। तो सुविधा मिलेगी तो वे और आगे जा सकते हैं।

कहा उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में जिले को एस्ट्रोटर्फ की स्वीकृति दी थी, अगर भविष्य में उनकी सरकार बनी तो सभी प्रखंडों में एस्ट्रोटर्फ बनेगा। वहीं मानकी-मुंडा की व्यवस्था को भी पूरी तरह लागू कराया जाएगा। झारखंड में नया उजाला आएगा, अबुआ दिशुम, अबुआ शासन एवं अबुआ राज पुन: स्थापित होगा। मौके पर विधायक पौलुस सुरीन, पूर्व विधायक बसंत लोंगा व पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।


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