100 रुपये में बिकने वाले दो सिपाही सस्पेंड, जेल से हटाई गई जिला पुलिस-अधीक्षक के बॉडीगार्ड वापस
भ्रष्टाचार की कलई खुलने के बाद शुक्रवार को सरकार, गृह विभाग और पुलिस विभाग में खलबली मची रही। एसएसपी अनीश गुप्ता ने दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
रांची, जासं। रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा (जेल) में हावी भ्रष्टाचार की कलई खुलने के बाद सरकार, गृह विभाग और पुलिस विभाग में खलबली मची रही। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशन के बाद मुलाकातियों से पैसे वसूली करने वाले दो पुलिसकर्मियों को एसएसपी अनीश गुप्ता ने सस्पेंड कर दिया। इनमें हवलदार दिनेश सिंह और शर्मा राम शामिल हैं।
जेल में लगे सारे जिला बल के पुलिसकर्मियों को भी शनिवार को हटा दिया गया है। एसएसपी के आदेश पर जेल में नए पुलिसकर्मियों को लगाया गया। जेल अधीक्षक के अंगरक्षकों को भी वापस ले लिया गया है। एसएसपी ने कहा कि मामले की पूरी गंभीरता से जांच की जा रही है।
दोनों को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इनके अलावा रांची जिला बल के तैनात सारे पुलिसकर्मियों को बदला जाएगा। मेजर द्वारा शनिवार को सभी को लाइन हाजिर करने की कार्रवाई की जा सकती है। इधर, जेल आइजी ने पूरे प्रकरण की जांच की जिम्मेवारी जेल अधीक्षक अशोक चौधरी को दी है। जांच की कार्रवाई शुरू हो गई है।
जेल अधीक्षक की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि 100-500 रुपये लेने वाले पुलिसकर्मियों में सभी जिला पुलिस बल के हैं। उन्हें चिह्नित कर लिया गया है। उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर कठोर विभागीय कार्रवाई की अनुसंशा की जाएगी।
एसएसपी अलग से करा रहे जांच : एसएसपी अनीश गुप्ता ने कहा है कि घेरे में आए सातों पुलिसकर्मियों को हटाने के बाद एक टीम का गठन कर जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सभी की भूमिका का अवलोकन किया जाएगा। इसके बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जेल आइजी की रिपोर्ट और पुलिस की कमेटी की जांच रिपोर्ट समानांतर चलेगी।
फिलहाल इनकी है प्रतिनियुक्ति : हवलदार शिवबचन यादव, आरक्षी नारायाण ठाकुर और राकेश कुमार मरांडी। इनका कार्य गेट तलाशी का है। इनके अलावा हवलदार कपिलदेव कुंवर, शर्मा राम, दिनेश राम और आरक्षी दशमी कच्छप हैं। इन्हें सुरक्षा कार्य में लगाया गया है।
क्या है मामला : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा (जेल) की सुरक्षा व्यवस्था की पड़ताल के दौरान दैनिक जागरण को जानकारी मिली कि जेल में पहुंचने वाले हर मुलाकाती को कायदे कानून के पचड़े में पड़ाकर रुपये ऐंठे जाते हैं। यह खेल गेट पर लगे सुरक्षाकर्मियों का है। बिना 100, 500 और हजार रुपये लिए अपनों से मिलने नहीं दिया जाता। नहीं देने वालों से कानूनी प्रक्रियाओं में उलझाया जाता है लेकिन पैसे देने वालों के लिए सारे कायदे-कानून समाप्त हो जाते हैं। जेल पर पैसे लेते वीडियो और तस्वीर ने पूरी व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।
हर दिन 20 से 25 हजार की कमाई : जेल में मुलाकाती के लिए हर दिन 200 से 250 लोग पहुंचते हैं। इसके अनुसार इनकी औसत कमाई हर दिन 20 से 25 हजार की गई है। जो मुलाकाती सुबह के समय पहुंचे और लाइन पर लग गए वो अपना मोबाइल दूर रखकर, आधार कार्ड जमा कर किसी तरह मिल लेते हैं, लेकिन 10 बज गए तो लाइन लगने नहीं दिया जाता।
इसके बाद धन-बल का खेल शुरू हो जाता है। सुबह के समय जो रुपये देकर घुसते हैं, उन्हें बिना किसी प्रक्रिया पूरी किए ही भेज दिया जाता है। मुख्य द्वार पर सीसीटीवी कैमरे तो लगे हैं, लेकिन इनसे बचने का भी रास्ता ढूंढ निकाला है। हर सौदेबाजी कैमरे से बचकर की जाती है।
करेंगे सख्त कार्रवाई : 'प्रारंभिक जांच में जेल के कर्मियों की संलिप्तता नहीं मिली है। हालांकि एक-एक कर्मियों की भूमिका की जांच कर रिपोर्ट जेल अधीक्षक से मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद सख्त कार्रवाई होगी।-विरेंद्र भूषण, आइजी जेल।